देश

तमिलनाडु कांग्रेस ने जासूसी कांड पर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की


चेन्नई। तमिलनाडु कांग्रेस (Tamil Nadu Congress) ने राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, मंत्रियों, न्यायपालिका और देश के अन्य प्रमुख व्यक्तियों पर इजरायली फर्म एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए की गई अवैध निगरानी (Espionage scandal) के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के इस्तीफे (Resignation) की मांग (Demands)की है।


चिदंबरम में मीडिया से बात करते हुए, तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, के.एस. अलागिरी ने कहा कि शाह ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ से समझौता किया है और उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में प्रमुख व्यक्तियों पर पेगासस के माध्यम से की गई अवैध निगरानी पर संसद में एक श्वेत पत्र प्रस्तुत करें।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इजराइल की फर्म एनएसओ ने स्पष्ट किया है कि यह केवल राष्ट्रीय सरकारों को डेटा प्रदान करता है। यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने राजनीतिक नेताओं और पत्रकारों की जासूसी करने में मिलीभगत की थी।टीएनसीसी ने स्नूपिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है।
अलागिरी ने दावा किया कि जासूसी के मामले में देश की तीन एजेंसियों- इंटेलिजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग और केंद्रीय जांच ब्यूरो को अंधेरे में रखा गया था।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ये तीनों एजेंसियां रोजाना प्रधानमंत्री को रिपोर्ट कर रही हैं।

अलागिरी ने पीएम मोदी से पूछा कि अगर अवैध निगरानी बेरोकटोक हो रही है तो वह देश के लोगों को सुरक्षा की गारंटी कैसे दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि टीएनसीसी अवैध निगरानी के खिलाफ गुरुवार को राजभवन तक एक विरोध मार्च शुरू करेगी।
उन्होंने कहा कि देश में प्रमुख व्यक्तियों के आवासों पर गतिविधियों को चीन, इजरायल और पाकिस्तान के सामने उजागर किया जा रहा है।
अलागिरी ने आईएएनएस से फोन पर बात की और कहा, “जासूस की घटना हमारे लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री को कैसे दोषमुक्त किया जा सकता है, उन्हें इस देश के असहाय नागरिकों पर इस अवैध निगरानी के लिए अपने कागजात देने होंगे। समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है और केंद्रीय गृह मंत्री कुछ नहीं कह रहे हैं। टीएनसीसी तत्काल प्रभाव से उनके इस्तीफे की मांग करता है।”

Share:

Next Post

ब्राह्मण वोटों में सेंध लगाने आप के बाद अब बसपा भी खुशी दुबे के लिए लड़ेगी

Wed Jul 21 , 2021
लखनऊ। चुनाव नजदीक हैं, बिकरू नरसंहार (Bikru massacre) के आरोपी अमर दुबे (Amar Dube) की नाबालिग विधवा खुशी दुबे (Khushi Dubey) ब्राह्मणों (Brahmin) के लिए एक प्रतीक के रूप में उभरी हैं और हाल के महीनों में समुदाय पर किए गए ‘अत्याचारों’ का सिंबल भी है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अब घोषणा की है […]