- परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के कॉलेज से लीक हुआ था पेपर
भोपाल। प्रदेश में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी)की करतूत की वजह से एक बार फिर 10 लाख बेरोजगारों के साथ छलावा हो सकता है। क्योंकि गड़बडी की वजह से प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा निरस्त की जा सकती है। गड़बड़ी सामने आने के बााद पीईबी ने परीक्षा का परिणाम भी रोक दिया है। पात्रता परीक्षा के पेपर का स्क्रीन शॉट प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सागर स्थित कॉलेज से वायरल हुआ था। मध्यप्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने जांच कर बता दिया कि वायरल स्क्रीनशॉट सही है। उसने डिटेल प्रारंभिक रिपोर्ट में लीक करने का तरीका भी बताया।
अब प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को परीक्षा पर फैसला लेना है कि रद्द करें, तो उसका लेवल और तरीका क्या हो? बोर्ड की डायरेक्टर षणमुख प्रिया मिश्रा का कहना है कि जांच रिपोर्ट मिल गई है। जल्द निर्णय करेंगे। 25 मार्च को वर्ग-3 भर्ती पात्रता परीक्षा का आखिरी पेपर था। इसी पेपर का स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था। पेपर लीक के आरोपों पर जांच (मध्यप्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी) को दी गई। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि वायरल स्क्रीनशॉट परीक्षा सेंटर से बाहर का है, लेकिन प्रश्नपत्र असली था। यानी परीक्षा के सिस्टम में सेंधमारी हुई। जांच रिपोर्ट में परीक्षार्थी, परीक्षा केंद्र, परीक्षा एजेंसी और इनविजिलेटर की भूमिका पर सवाल उठे हैं। ये भी कहा है कि ये धांधली संगठित गिरोह ने अंजाम दी है। इस रिपोर्ट के बाद न एग्जाम पर फैसला हुआ, न ही रिजल्ट जारी हो पा रहा है। परीक्षा नियम पुस्तिका के हिसाब से जो रिजल्ट 45 दिन में आना था, इसे 60 दिन से ज्यादा हो गए हैं।
गड़बड़ी की जांच पुलिस करेगी
बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट का परीक्षण कराया जा रहा है। धांधली की यह रिपोर्ट पुलिस को भेजी जाएगी। पुलिस फिर नए सिरे से इस मामले में धांधली की जांच करेगी। इसी आधार पर इसमें अलग-अलग आरोपियों के नाम तय होंगे। पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि सागर के अलावा प्रदेश के और किन-किन सेंटर्स में परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी।