इंदौर न्यूज़ (Indore News) क्राइम मध्‍यप्रदेश

करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले फरार आरोपी ने दर्ज करवा डाली फर्जी एफआईआर

अग्निबाण खुलासा… संघ के पूर्व पदाधिकारी ने राजनीतिक दांव-पेंच दिखाते हुए अपने हाईराइज प्रोजेक्ट के पार्टनर और भाजपा नेता के खिलाफ लगाए धोखाधड़ी के आरोप, जबकि खुद ने बेचा पूरा प्रोजेक्ट

इंदौर, राजेश ज्वेल। भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष नानूराम कुमावत (State Vice President of BJP Backward Classes Cell Nanuram Kumawat) के खिलाफ मल्हारगंज थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई गई। मजे की बात यह है कि जिस शिकायतकर्ता ने यह एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई वह खुद कुमावत का हाईराइज प्रोजेक्ट में पार्टनर है, वहीं उसके खिलाफ करोड़ों की धोखाधड़ी की एफआईआर पलासिया थाने में दर्ज है और रिकॉर्ड के मुताबिक वह फरार भी है। एफआईआर दर्ज करवाने वाले राकेश दुबे संघ का पूर्व पदाधिकारी है, जिसे इन्हीं गतिविधियों के चलते संघ से दूर कर दिया था और अभी ताजा विवाद निगम के महापौर चुनाव से जोडक़र भी देखा जा रहा है, क्योंकि ओबीसी वर्ग से कुमावत ने भी अपनी दावेदारी महापौर पद के लिए कर रखी थी।


छोटा बांगड़़दा में मलय गोकुलधाम प्रोजेक्ट में दोनों के बीच रेशो डील हुई और लगभग पूरा प्रोजेक्ट ही शिकायतकर्ता ने खुद बेचा और फिर राजनीतिक दाव-पेंच दिखाते हुए संघ के प्रभाव का उपयोग कर अपने पार्टनर के खिलाफ ही कोर्ट आदेश के आधार पर एफआईआर दर्ज करवा दी। जिस शिकायतकर्ता अग्रसेन नगर निवासी राकेश दुबे ने  बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई वह खुद करोड़ों के घोटाले का फरार आरोपी है। गत वर्ष उसके ही अन्य पार्टनर मेरू इन्फ्रा प्रोजेक्ट डेवलपर्स के सुनय जैन ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को लिखित में शिकायत की थी, जिसके आधार पर तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशिकांत कनकने ने जांच प्रतिवेदन तैयार किया, जिसमें अनावेदक राकेश दुबे को दोषी पाया गया, जिस पर यह आरोप लगे कि उसने अपने खुद के हस्ताक्षर से कम्पनी के डेढ़ करोड़ रुपए अपने निजी खाते में हस्तांतरित करवा लिए। इस कंपनी में सुनय जैन, राकेश शाह, महावीर जैन, नवीश जैन भी शामिल रहे और पूर्व डायरेक्टर के रूप में राकेश दुबे ने कम्पनी में फर्जीवाड़ा किया, जिसके चलते 3 सितंबर 2020 को त्याग-पत्र लेकर उसे कम्पनी से बाहर किया गया। थाना पलासिया पर दर्ज इस एफआईआर पर हालांकि राकेश दुबे की गिरफ्तारी राजनीतिक दबाव-प्रभाव के चलते नहीं हो पाई, क्योंकि वह संघ का तो पूर्व पदाधिकारी रहा ही, वहीं भाजपा की पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस का समधी भी है। अभी दुबे ने संघ और भाजपा नेता नानूराम कुमावत निवासी महादेव तोतला नगर और बिल्डर राकेश गुप्ता, निवासी एमआईजी कालोनी पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए। शिकायत में कहा गया है कि छोटा बांगड़दा में खसरा नं. 132/2 एवं 133/2 की 0.383 हेक्टेयर जमीन पर हाईराइज बिल्डिंगों का प्रोजेक्ट आपसी भागीदारी में शुरू किया गया, जिसमें परिवादी की मेरू इन्फ्रा प्रा.लि. में शेयर धारक बनकर तक्षशिला फर्म के माध्यम से तैयार होने वाले फ्लैट का 25 प्रतिशत हिस्सा परिवादी और उसके परिवारजन तथा 65 प्रतिशत बिल्डर का हिस्सा तय किया गया। रेशो डील के वक्त 75 लाख रुपए की राशि डिपॉजिट के रूप में भी प्राप्त की गई और फिर मलय गोकुलदास सोसायटी नामक बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया गया, जिसके अधिकांश फ्लैट बेच भी दिए हैं। इसमें से राकेश दुबे ने स्वयं के हिस्से के 5 करोड़ रुपए लेना बकाया बताया और न्यायालय से आदेश प्राप्त कर धारा 406, 420 और 34 के तहत कुमावत-गुप्ता के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवा दिया। इंदौर की संघ और भाजपा की राजनीति में यह मामला अभी चर्चा में है और चूंकि दोनों ही पक्ष संघ और भाजपा से जुड़े हुए हैं, इसलिए कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।

रेशो डील में किया था मलय गोकुलधाम प्रोजेक्ट

जिस मलय गोकुलधाम सोसायटी प्रोजेक्ट को लेकर संघ के पूर्व पदाधिकारी और भाजपा नेताओं के बीच खींचतान हुई, वह रेशो डील के तहत अंजाम दिया गया। जमीन दुबे परिवार के संयुक्त स्वामित्व की छोटा बांगड़दा में है, जिस पर मेरू इन्फ्रा प्रा.लि. और तक्षशिला फर्म के जरिए आपसी अनुबंध किए गए और सात साल पहले यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ और अब अधिकांश फ्लैटों की बिक्री भी हो चुकी है।

Share:

Next Post

दिल्ली-एनसीआर में मकानों के दाम सबसे ज्यादा 11 फीसदी बढ़े, आठ प्रमुख शहरों में बढ़ी कीमतें

Wed May 25 , 2022
नई दिल्ली। देश के आठ प्रमुख शहरों में मकानों की कीमत इस साल जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 11 फीसदी तक बढ़ी है। आवासीय संपत्तियों की मांग बढ़ने और निर्माण लागत में वृद्धि से दाम बढ़े हैं। इस दौरान दिल्ली-एनसीआर की मकानों की कीमतें सबसे ज्यादा 11 फीसदी बढ़ी हैं। यहां एक साल पहले की समान अवधि के […]