भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

जनता के फीडबैक से तय होगी शहर की रैंकिंग

  • पहली बार होगी जियो टैगिंग

भोपाल। स्वच्छता सर्वेक्षण लीग 2020 का रिजल्ट भले ही अभी नहीं आया है लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण लीग 2021 की परीक्षा शुरू हो गई है। केंद्रीय स्तर पर लीग 2021 के पैरामीटर तय कर दिए गए हैं। जिसमें जनता की राय महत्वपूर्ण होगी। इस बार जनता के साकारात्मक फीडबैक से ही शहर की रैकिंग तय होगी। सिटीजन फीडबैक पर 1500 अंक की जगह इस बार 1800 अंक निर्धारित किए गए हैं। पहले की तरह इस बार भी स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा 6,000 अंकों की होगी लेकिन इस बार छह पार्ट की जगह तीन पार्ट ही होंगे।
सर्वेक्षण में पहली बार जियो टैगिंग को भी जोड़ा गया हैं। जिसमें सर्टिफिकेशन के आधार पर शहर के आवासीय, व्यावसायिक, गरीब बस्तियों में किए काम सेटेलाइट इमेज से परखे जाएंगे, यानी पहले के मुकाबले इस बार परीक्षा कड़ी होगी। नगर निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण लीग 2021 में शहर को टॉप बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी।
नगर निगम स्वच्छता की दिशा में जो कार्य या नवाचार कराएगा इसके अलावा आवासीय, व्यावासयिक और स्लम बस्तियों में कचरा कलेक्शन, निष्पादन कराया जा रहा है। हर तिमाही बतौर सर्टिफिकेशन पूरा डेटा एमआईसी पोर्टल में फीड किया जाएगा। सर्टिफिकेशन के आधार पर पोर्टल में किए गए डेटा फीडिंग के आधार पर संबंधित एरिया की गतिविधियां जियो टैगिंग के माध्यम से देखी जाएंगी। चुनिंदा क्षेत्रों को जियो टैकिंग करने के बाद गूगल अर्थ से कनेक्ट कर वहां की गतिविधियां देखी सेटेलाइट इमेज से देखी जाएंगी।

डोर टू डोर पर रहेगा फोकस
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की गाइडलाइन जारी होने के साथ ही नगर निगम ने तैयारियां भी शुरू कर दीं हैं। सर्वेक्षण के तय मानकों में कचरा के संग्रहण, प्रबंधन पर जोर दिया गया है। लिहाजा नगर निगम का पूरा फोकस सफाई व्यवस्था में सुधार लाते हुए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को बेहतर बनाने में होगा। नगर निगम पहले चरण में बतौर ट्रायल कुछ क्षेत्रों को चुनकर उसकी सख्त मॉनिटरिंग करेगा। इसके लिए एप्लीकेशन की भी मदद लेगा। ट्रायल सफल रहा तो इसे पूरे शहर में लागू करेगा। निगम का मानना है कि शहर स्वच्छ रहेगा तो जनता का भी साकारात्मक फीडबैक मिलेगा।

निगम के लिए यह चुनौती
स्वच्छता सर्वेक्षण के तय मानकों के तहत एक-दो कॉलोनियों को पूरी तरह से कचरा मुक्त करना है। जिसमें खुद कॉलोनीवासियों को कचरे का एकत्रीकरण और निष्पादन करना होगा। नगर निगम ऐसी कॉलोनियों का चयन कर उसे कचरा मुक्त कराना चुनौती होगा। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, परिवहन की स्थिति खराब। नागरिक भी गीला, सूखा कचरा एकत्र नहीं करते। सफाई के प्रति जागरूक नहीं। ऐसे में नागरिकों का साकारात्मक फीडबैक मिल पाना बड़ी चुनौती।

इन पर रहेगा स्वच्छता सर्वेक्षण
कचरा कलेक्शन, प्रोसेसिंग, स्वच्छता क्षमता निर्माण

ऐसे मिलेंगे छह हजार अंक

  • 2400 अंक कचरा कलेक्शन, प्रोसेसिंग, स्वच्छता क्षमता निर्माण में
  • 1800 अंक सिटीजन फीडबैक पर
  • 1800 अंक सर्टिफिकेशन पर
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