इंदौर। नई आबकारी नीति के चलते चालू वित्त वर्ष में बड़ी मुश्किल से जिले का ठेका हुआ, जिसके लिए आबकारी विभाग को खासी मशक्कत करना पड़ी। अलग-अलग समूहों में इस बार ठेके दिए गए, जिसके चलते एमआईजी समूह का ठेका 42 करोड़ में दिया गया, जिसमें दो दुकानें शामिल है। मगर अब ठेकेदार लाइसेंस राशि जमा नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते ठेका निरस्त कर अब नए सिरे से उसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
आबकारी विभाग पर कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्ती कर रखी है, पिछले दिनों बारों के लाइसेंस निरस्त करने के साथ दोषी आबकारी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। वहीं कल होटल मैरिएट में शादी की सालगिरह पार्टी मनाने और दो लाख रुपए के भुगतान के मामले में अड़ीबाजी करने वाले उडऩदस्ता प्रभारी धर्मेन्द्रसिंह भदौरिया को हटाने और सहायक आबकारी अधिकारी संतोषसिंह कुशवाह पर भी गाज गिराई गई। संभवत: यह पहला मौका है जब कलेक्टर ने आबकारी विभाग पर इस तरह की सख्ती की गई, जिसके चलते पूरे महकमे में हडक़म्प मचा है। दूसरी तरफ सहायक उपायुक्त आबकारी राजनारायण सोनी ने बताया कि एमआईजी समूह की दो दुकानों की नीलामी फिर से की जाएगी।
11 जून को इसकी नीलामी रखी गई है। 42 करोड़ रुपए में ये दुकानें नीलाम की गई थी, मगर शराब ठेकेदार डिफॉल्टर हो गया और लाइसेंस फीस नहीं भर पा रहा है, उसके खिलाफ तो कार्रवाई की ही जा रही है, वहीं नए सिरे से इन दोनों दुकानों का ठेका दिया जाएगा। इसमें एक दुकान तो एबी रोड पर सी-21 मॉल के सामने है, वहीं दूसरी दुकान पाटनीपुरा क्षेत्र में मौजूद है। दरअसल कई ठेकेदारों ने ऊंची कीमतों पर ठेके हासिल कर लिए और अब लाइसेंस फीस चुकाने में दिक्कत आ रही है। हालांकि अन्य दुकानों से तो फीस मिल रही है।
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