इंदौर न्यूज़ (Indore News)

नया बसेरा गांधी नगर में दानदाताओं ने लिख दी नई कहानी , दानदाताओं ने बदल दी सरकारी स्कूल की बदरंग तस्वीर

  • स्कूल के कैमरों को हर घर से ऑनलाइन जोड़ा, घर बैठे मोबाइल पर लाइव देखते हैं स्कूल में अपने बच्चों को माता-पिता

इंदौर, प्रदीप मिश्रा। इसमें कोई शक नहीं कि साफ-सफाई व स्वच्छता के मामले में नगर निगम-प्रशासन (municipal administration) की कोशिश व नागरिकों के आर्थिक सहयोग से पांच सालों से देश का नंबर वन यह शहर अब दानदाताओं के मामले में भी नंबर वन बनता जा रहा है। जिस सरकारी स्कूल (government school) में कभी अव्यवस्थाओं, असुविधाओं व असुरक्षा की भरमार थी, अब दानदाताओं ने उस स्कूल की तस्वीर ही बदलकर रख दी है। आज यह स्कूल शहर व जिले के कई निजी स्कूलों को मात दे रहा है।

जो स्कूल सरकारी उपेक्षा व नजरअंदाजी के कारण दिनोदिन हर मामले में कमजोर व लचर साबित हो रहा था, आज वह प्रदेश के बेस्ट स्कूलों में शामिल हो चुका है। इससे साबित होता है कि यदि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति या संस्थान दानदाताओं को भरोसा दिला सके कि उनके दान की रकम की एक-एक पाई का इस्तेमाल उचित व सही जगह होगा तो यकीनन हमारे इंदौर में दान-पुण्य (charity in Indore) करने वालों की कतई कमी नहीं है। इसकी जीती-जागती मिसाल है हाईटेक व सारी सुविधाओं (Hi-tech and all facilities) से चाक-चौबंद गांधी नगर में नए बसेरा का यह सरकारी मिडिल स्कूल।


स्टूडेंट्स की हाईटेक सिक्युरिटी
इंदौर शहर (Indore city) के दानदाताओं ने नया बसेरा के सरकारी माध्यमिक स्कूल (government secondary school) के विकास की ऐसी नई कहानी लिख दी है, जिसे हर कोई सुनना- सुनाना और उदाहरण देना चाहेगा। दानदाताओं के पैसों से स्कूल में न सिर्फ अत्याधुनिक सुविधाओं व संसाधनों की भरमार है, बल्कि सुरक्षा का भी इंतजाम है। स्कूल में सीसीटीवी कैमरों (cctv cameras) को एंड्रॉइड मोबाइल के जरिए स्कूल में पढऩे वाले सभी बच्चों के हर घर को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ दिया गया है। इसकी वजह से स्कूल में लगे सीसीटीवी के माध्यम से अभिभावक (parents through cctv), यानी स्कूली बच्चों के माता-पिता घर बैठे अपने बच्चों की स्कूल में हर गतिविधियां लाइव देख सकते हैं। लगभग चार साल पहले सीपी शेखर नगर से गांधी नगर स्थित नया बसेरा में शिफ्ट हुए स्कूल की गिनती आज प्रदेश के श्रेष्ठ सरकारी स्कूलों में होने लगी है।

सुरेश सर के संकल्प ने बदली तस्वीर
प्रभारी प्रधान अध्यापक सुरेशचंद्र दुबे (In-charge head teacher Sureshchandra Dubey) ने बताया कि शेखर नगर से तीन कुर्सी और दो टेबल लेकर नया बसेरा पहुंचे थे। शुरुआत में यह स्कूल पार्किंग की जगह में लगा। फिर इसे यहां ऐसा पुराना जर्जर भवन मिला, जहां कोई सुविधा नहीं थी। दो साल पहले नगर निगम ने दो मंजिला नया भवन बनाया। दुबे ने बताया कि उन्होंने दानदाताओं के सहयोग और स्टाफ की मदद से 25 लाख रुपए की लागत से स्कूल में वह हर सुविधा जुटाई, जिसके कारण यह सरकारी स्कूल शहर के कई निजी स्कूलों को मात दे रहा है। सुरक्षा के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। ये कैमरे 350 विद्यार्थियों के अभिभावकों के फोन से ऑनलाइन जुड़े हुए हैं। इस वजह वे अपने बच्चों की गतिविधियां घर बैठे देखते रहते हैं।


पहले
पानी में डूबा स्कूल, उधड़ी दीवारें, टूटे-फूटे कमरे, न पीने के लिए पानी, न शौचालय, फर्नीचर तो दूर बैठने तक के लिए टाटपट्टी तक नहीं थी। बच्चे तो बच्चे शिक्षक भी स्कूल में आने से कतराते थे।

अब
– 24 कमरे, 2 हॉल, स्वच्छ शौचालय।
– 150 ट्यूबलाइट, 85 पंखे।
– 350 बच्चों के लिए फर्नीचर एवं भोजनशाला।
– ठंड में बच्चों के लिए स्वेटर की व्यवस्था।


– खेल का मैदान, बगीचा, खिलौने, खेल सामग्री।
– कम्प्यूटर लैब, प्रिंटर, फोटोकॉपी मशीन।
– लगभग 1.25 लाख रुपए के तीन स्मार्ट टीवी।
– सीसीटीवी कैमरों से ऑनलाइन नजर।


– 2.50 लाख की पीओपी एवं एलईडी लाइट।
– क्लास रूम में महापुरुषों की 100 तस्वीरें।

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