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सर्द मौसम में गर्दन और कमर में दर्द की शिकायत हैं कर सकतें है ये उपाय

आप सभी जानतें हैं कि सर्दियों के मौसम आ गया है । सर्द मौसम में लोगों को गर्दन और कमर में दर्द की शिकायत ज्यादा रहती है। अक्सर लोगों को लगता है ये दर्द बड़ती सर्दी की वजह से हो रहा है। लेकिन आप जानते हैं कि कमर और गर्दन के दर्द की वजह सिर्फ सर्दी ही नहीं आपका गलत पोस्चर भी है। आप जानते हैं जिसे आप गर्दन या कमर का दर्द कहते हैं वो सर्वाइकल पैन है, जिसके लिए आपका बैठने और काम करने का तरीका जिम्मेदार है। सर्वाइकल स्पाइन यानी गर्दन के हिस्से वाली रीढ़ की हड्डी के जोड़ों और डिस्क में समस्या होने से सर्वाइकल पैन की स्थिति बनती है। आप भी अगर इस दर्द का सामना कर रहे हैं तो तकिए और गद्दे बदलने के बजाए सावधान हो जाएं। आइए आपको बताते हैं कि आप किन तरीकों को अपना कर सर्दी में इस दर्द से निजात पा सकते हैं।

पॉश्चर का ख्याल कैसे रखें:

  • काम करने के लिए हमेशा टेबल और चेयर का इस्तेमाल करें। बेड पर बैठ कर काम करने से बचें।
  • लैपटॉप व आंखों का लेवल 90 डिग्री पर होना चाहिए।
  • लंबे सयम तक काम करने के लिये लैपटॉप के बजाय डेशबोर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • डेशबोर्ड का आंखों के साथ संपर्क बेहतर होता है। इसमें कीबोर्ड, माउस व मॉनिटर तीनों अलग-अलग रहते हैं। इससे
  • मूवमेंट बना रहता है व सिटिंग भी बेहतर होती है।
  • हर 40 मिनट के बाद वॉक करें।
  • अक्सर घर पर बेड पर लेट कर काम करने से हाथ व कंधे में दर्द की समस्या होती है
  • वर्क फ्रॉम होम करते समय घंटों तक एक ही पॉश्चर में बैठे रहने से बचें। हर 40 मिनट पर 5-7 मिनट की वॉक जरूर करें।
  • घंटो गोद में रखकर लैपटाप चलाने से गर्दन ज्यादा झुकती है और स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या हो जाती है।
  • काम करते समय पीठ झुकाकर बैठते हैं जिससे कमर व पीठ का दर्द होता है।

 

सर्वाइकल पेन से बचाव कैसे किया जा सकता है?

सर्वाइकल होने पर घरेलू नुस्खों को अपनाना चाहिए। इसके लिए बर्फ के टुकड़े को गर्दन के उस हिस्से पर लगा सकते हैं, जहां दर्द है। बर्फ की सिकाई से सर्वाइकल में आराम मिलेगा।

किसी भी अन्य बीमारी की तरह सर्वाइकल के इलाज में भी व्यायाम करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। व्यायाम के द्वारा शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और इसके साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार होता है।

सर्वाइकल की समस्या सही मुद्रा में नहीं सोने के कारण भी होती है। इसलिए कोशिश करें कि सोने का पॉश्चर ठीक रखें, ताकि रीढ़ की हड्डी पर किसी तरह का दबाव न पड़े।

सर्वाइकल अधिक मात्रा में तनाव लेने के कारण भी होता है, इसी कारण व्यक्ति को यह कोशिश करनी चाहिए कि वे ज्यादा तनाव न लें। यदि आपका तनाव बढ़ गया है तो आप तुरंत मनोवैज्ञानिक से मिलकर इसका इलाज करें।

सर्वाइकल मुख्य रूप से उन लोगों को होता है, जो सिर को एक तरफ झुकाकर घंटों कंप्यूटर पर काम करते रहते हैं या फिर एक ही पॉजिशन में फोन पर घंटों बात करते रहते हैं। लंबे समय तक एक ही पॉजिशन में बैठने से कान और गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और इस वजह से आपको कई तरह की परेशानियां भी होती हैं।

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