नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों ने जमकर उत्पात मचाया। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर परेड निकाल रहे किसानों के एक बड़े समूह ने ट्रैक्टरों के साथ ऐतिहासिक लाल किले पर धावा बोल दिया और वहां धार्मिक झंडे लगा दिए। वहीं किसानों ने तोड़फोड़ करने के साथ ही पुलिस के साथ झड़प करते हुए तलवारबाजी तक की ।
घटना का असर बुधवार सुबह भी देखा जा रहा है, यहां लाल किला मेट्रो स्टेशन पर किसी को एंट्री नहीं दी जा रही। हालांकि, स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों को बाहर निकलने की इजाजत है। बाकी सभी स्टेशन खुले हैं। सभी लाइनों पर सेवा सामान्य है।
पुलिस और उग्र प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हुई झड़प में दोनों ही पक्षों के लोग घायल हुए हैं। जिसके चलते अब तक तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में निकली किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अलग-अलग थानों में अब तक 15 एफआईआर दर्ज की हैं। घायलों में मोहन गार्डन थाने के एसएचओ भी शामिल हैं, उनके दोनों हाथों में फ्रैक्चर हो गया है।
पुलिस के अधिकारिक सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि मंगलवार को किसान ट्रैक्टर परेड में 150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों के घायल होने की पुष्टि है। । उन्हें सिर पर चोटें आई हैं और फिलहाल उन्हें ट्रामा वार्ड में भर्ती कराया गया है। वहीं, मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत भी हो गई। पुलिस का दावा है कि आईटीओ के पास बैरिकेडिंग से टकराकर उसका ट्रैक्टर पलट गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हालांकि, कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि पुलिस ने किसान के सिर में गोली मारी थी, जिससे उसकी मौत हुई। दिल्ली पुलिस के मुताबिक ट्रैक्टर रैली के दौरान मोहन गार्डन पुलिस स्टेशन के एसएचओ समेत उसके 30 कर्मचारी अकेले द्वारका जिले में गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं।
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