इंदौर, नासेरा मंसूरी। शहर के यातायात को सुधारने के लिए सख्ती से काम कर रही यातायात पुलिस अब तक भले ही नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई करके करोड़ों की समन शुल्क राशि वसूल चुकी हो, लेकिन 2015 से शहर में शुरू हुए आरएलवीडी सिस्टम के चालानों की करीब 40 करोड़ की राशि यातायात विभाग को अब भी वसूलना है। यह राशि 8 लाख से अधिक चालानों की है।
एक आरटीआई के माध्यम से मिली जानकारी के मुताबिक, सिस्टम लागू होने के पहले दिन से 20 जुलाई 2022 तक यातायात विभाग 10 लाख से अधिक नोटिस तामील कर चुका है। इनसे यातायात विभाग 2 लाख 72 हजार नोटिस पर वसूली कर चुका है, जिससे उसे 13 करोड़ से अधिक की राशि मिली है, लेकिन अब भी यातायात विभाग के सामने 8 लाख से अधिक ऐसे ई-चालान हैं, जिनकी बकाया राशि 40 करोड़ से अधिक वसूलना है। इनमें कई वाहन देश के अन्य राज्यों के भी हैं।
वाहन पकड़ते ही निकाल रहे कुंडली, वसूले कई लंबित चालान
यातायात पुलिस वाहन पकड़े जाने पर उनका पुराना रिकॉर्ड भी खंगाल रही है। पिछले 8 महीने से शहर में चल रही यातायात सुधार की कार्रवाई में यातायात पुलिस ने आदतन रेड लाइट उल्लंघन करने वालों को सबक सिखाने के लिए रेड लाइट उल्लंघन पर उस वाहन के लंबित ई-चालान भी निकालना शुरू कर दिए हैं। इन 8 महीनों में यातायात पुलिस ने ऐसे कई लंबित चालानों की समन शुल्क राशि वसूल ली है। इस दौरान कई वाहन चालक ऐसे भी मिले, जिनके रेड लाइट उल्लंघन के 40 से ज्यादा मामले निकले।
2015 से हुई थी शुरुआत, 28 चौराहों पर सिस्टम
जानकारी के मुताबिक, इंदौर में आरएलवीडी सिस्टम की शुरुआत 27 जनवरी 2015 से हुई थी। फिलहाल इंदौर में 28 चौराहों पर आरएलवीडी सिस्टम काम कर रहा है। यूं देखा जाए तो इंदौर में छोटे-बड़े और प्रमुख मिलाकर करीब डेढ़ सौ चौराहे हैं। हालांकि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इंदौर के सभी प्रमुख चौराहों पर स्मार्ट ट्रैफिक इंटेलिजेंस सिस्टम लगाया जाना है, जिसका यातायात विभाग इंतजार कर रहा है। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहर के 50 प्रमुख चौराहों पर इसे लगाया जाना है, जिसके बाद बचे चौराहों के लिए यातायात विभाग काम करेगा।
यूनियन मुख्यमंत्री तक से कर चुकी है शिकायत
कार्रवाई के दौरान रेड लाइट उल्लंघन पर पुराने ई-चालान निकलवाकर चालानी कार्रवाई करने को लेकर ऑटो रिक्शा यूनियन का विरोध सामने आ चुका है। भगवा ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्रकुमार त्रिपाठी सहित अन्य पदाधिकारी परिवहन विभाग के अधिकारियों से लेकर मंत्री और हाल ही में मुख्यमंत्री तक से मिल चुके हैं। पदाधिकारियों का कहना है कि यातायात पुलिस रिक्शा चालकों से तब के चालान भी वसूल रही है, जब लॉकडाउन लगा था और एंबुलेंस की कमी होने पर मरीजों को ले जाने और लाने के लिए रिक्शा चालकों को अनुमति दी गई थी।
- तामील नोटिस की संख्या 1076127
- भुगतान ई-नोटिस 272286
- प्राप्त समन शुल्क 138858855
- लंबित चालान 803841
- बकाया वसूली शुल्क 401920500 (अनुमानित)
- (आंकड़े 27 जनवरी 2015 से 20 जुलाई 2022 तक के हैं…)