वाशिंगटन । अमेरिका की सेना (America Army) ने बृहस्पतिवार (स्थानीय समयानुसार) को पेंटागन के नए आदेश के बाद 1,000 से अधिक ट्रांसजेंडर सैनिकों (Transgender soldiers) को निकालना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, बाकी को लैंगिक पहचान (Gender Identity) बताने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को दिए गए फैसले के बाद उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को सेना में ट्रांसजेंडरों पर प्रतिबंध लागू करने की अनुमति दी थी। अब रक्षा विभाग मेडिकल रिकॉर्ड की जांच करके उन लोगों की भी पहचान करेगा, जिन्होंने अभी तक अपनी ट्रांसजेंडर पहचान नहीं बताई है।
अब सेना में कोई ट्रांसजेंडर नहीं होगा: हेगसेथ
रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने अदालत के फैसले के बाद एक ज्ञापन जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अब सेना में कोई ट्रांसजेंडर नहीं होगा। इससे पहले, हेगसेथ ने कहा कि उनका विभाग जागरूकता और कमजोरी को पीछे छोड़ रहा है। हेगसेथ ने टैम्पा में एक विशेष ऑपरेशन बल सम्मेलन में कहा, ‘अब कोई सर्वनाम नहीं। अब कोई भी ट्रांसजेंडर व्यक्ति सेना की ड्रेस में नहीं रहेगा।
मेडिकल रिकॉर्ड से लिंग डिस्फोरिया का निदान करने वालों का चलेगा पता
रक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह निर्धारित करना मुश्किल है कि वास्तव में कितने ट्रांसजेंडर सेना में हैं। हालांकि, मेडिकल रिकॉर्ड से इसका पता चलेगा कि कितने लोगों ने लिंग डिस्फोरिया का निदान किया है। इसके बाद उन सैनिकों को अनैच्छिक रूप से सेना से बाहर कर दिया जाएगा। लिंग डिस्फोरिया तब होता है जब किसी व्यक्ति का जैविक लिंग उसकी लिंग पहचान से मेल नहीं खाता है।
9 दिसंबर, 2024 तक 4240 सैनिक लिंग डिस्फोरिया से पीड़ित थे
अधिकारियों ने आगे कहा कि 9 दिसंबर, 2024 तक सक्रिय ड्यूटी, नेशनल गार्ड और रिजर्व में लिंग डिस्फोरिया से पीड़ित 4,240 सैनिक थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। अधिकारियों ने कहा कि कुल मिलाकर लगभग 2.1 मिलियन सैनिक सेवारत हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved