डेस्क: हम कई बार देखते हैं कि बरसात और आंधी (Rain and Storm) में अक्सर रेलवे ट्रैक (Railway Track) पर पेड़ (Trees) गिर जाते हैं. रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से ट्रैक पर बिजली (Electricity) की उन तारों को नुकसान पहुंचता है, जिससे ट्रेनें चलती हैं. इससे ट्रेन घंटों ट्रैक पर खड़ी रहती है. इतना ही दूसरी ट्र्नों को भी रोक दिया जाता है. यात्रियों को परेशानी होती है. हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि उत्तर रेलवे के दिल्ली डीवीजन (Delhi Division) ने इस समस्या का समाधान तलाश लिया है.
बताया जा रहा है कि दिल्ली में रेलवे अब उन पेड़ों को हटा सकता है, जिनके आंधी-तूफान में गिरने की संभावाना हो और ट्रेनों का परिचालन बाधित करते हों. वन विभाग ने रेलवे को इसकी इजााजत दे दी है. बीते दिनों राजधानी में आए जोरदार तूफान के चलते कई जगहों पर पेड़ गिरे थे. इस वजह ट्रैक पर लगीं बिजली की तारें टूट गई थीं. इसके अलावा पेड़ों के गिरने की वजह कई जगहों पर रेलवे ट्रैक को बंद कर दिया गया था. कई लाइनों पर दो-तीन घंटे तक ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ा था.
अकेले दिल्ली डिवीजन में दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ा था. इसके बाद दिल्ली रेलवे के अधिकारियों ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा. इस पत्र में पेड़ हटाने की इजाजत मांगी गई. अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ट्रैक के किनारे पेड़ ट्रेनों के परिचालन को प्रभावित कर रहे हैं. इससे रेल यातायात बाधित हो रहा है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है.
रेलवे के अनुरोध पर वन विभाग ने सर्कुलर निकाला, जिसमें बताया गया कि रेलवे उन पेड़ों को काट सकता है जो रेलवे ट्रैक के रास्ते में आ रहे हैं. रेलवे उन पेड़ों को भी काट सकता है जो सूख रहे हैं या जिनके आंधी-तूफान में गिरने की संभावना रेलवे को नजर आ रही हो, लेकिन पेड़ों को काटने से 24 घंटे पहले रेलवे को वन विभाग को बताना होगा.
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