नई दिल्ली । यूक्रेन में जारी संकट (Ukraine Crisis) के बीच सरकार (Government) वहां फंसे भारतीयों (Indians) के साथ मजबूती से खड़ी है और जहां तक संभव है, उन्हें निकालने के प्रयासों के तहत, उन्हें चार पड़ोसी देशों की सीमाओं तक पहुंचने की सलाह दी गई है। यह कहना है केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी (Union Minister Meenakshi Lekhi) का ।
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि ”हमारे विदेश मंत्रालय के अधिकारी” भारतीय नागरिकों को दूसरे देशों की सीमा में प्रवेश करने में मदद के लिए विभिन्न जगहों पर मौजूद हैं। चूंकि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद है, वैकल्पिक सड़क मार्गों की सलाह दी गई है, ताकि जब भी और जहां तक संभव हो, यूक्रेन में फंसे भारतीय उस देश से बाहर निकल सकें। ये चार मार्ग पोलैंड, स्लोवाकिया, हंगरी और रोमानिया की सीमाओं के माध्यम से हैं। एक बार जब वे सीमा पार कर जाएंगे, तो विदेश मंत्रालय उनके भोजन और ठहरने की भी व्यवस्था करेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन के उन कुछ हिस्सों में जहां बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है, ”हमने अपने नागरिकों से कहा है कि वे जहां कहीं भी हैं, वहीं रहें क्योंकि बाहर निकलना खतरनाक है।” यूक्रेन और रूस के बीच हफ्तों तक तनाव के बाद 24 फरवरी को रूस के हमले के बाद कीव से खार्किव तक कई भारतीय यूक्रेन में फंस गए। इनमें अधिकतर मेडिकल के छात्र हैं। रूस ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन में दो अलगाववादी क्षेत्रों – डोनेत्स्क और लुहान्स्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी थी।
यूक्रेन में फंसे छात्रों के अभिभावक और परिवार के सदस्य तथा खुद कई भारतीय छात्र भी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय और अन्य अधिकारियों से उन्हें निकालने के लिए भावनात्मक अपील के साथ वीडियो अपलोड कर रहे हैं। लेखी ने कहा, ”हमारी सरकार संकट के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है, जैसा कि हम अतीत में भी अपने लोगों के साथ खड़े रहे हैं। साथ ही निकासी प्रयासों के तहत, हमारे विदेश मंत्रालय के अधिकारी उन लोगों की वीजा और अन्य आवश्यकताओं के साथ, उचित पहचान के बाद मदद कर रहे हैं जो सीमा पार करने के लिए पहुंच गए हैं।”
वहीं, उनका कहना यह भी है कि कल तक बड़ी संख्या में भारतीय पोलैंड की सीमा पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों से, लोगों को उचित प्रक्रिया के बाद हवाई अड्डों पर ले जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) लगातार समग्र स्थिति पर नजर रखे हुए है। वहां से अब तक सफलतापूर्वक भारतसरकार कई छात्रों को भारत लेकर भी आ गई है।
लेखी ने कहा कि भारत सरकार यूक्रेन में स्थिति का आकलन कर रही है और जनवरी में, विदेश मंत्रालय ने पूर्वी यूरोपीय देश में भारतीय छात्रों के संबंध में हॉटलाइन और दूतावास के माध्यम से “डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया” शुरू की थी। फरवरी के मध्य तक, विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन की स्थिति के अधीन परामर्श जारी करना शुरू कर दिया था। बतादें कि बढ़ते तनाव के बीच मंगलवार को कीव स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय छात्रों को अस्थायी रूप से देश छोड़ने के लिए कहा था।
Share: