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मोदी सरकार के बेमिसाल नौ साल

– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में सफलतापूर्वक नौ वर्ष पूरे कर लिए। संयोग है कि केंद्र सरकार की नौवीं वर्षगांठ के ठीक पहले पापुआ न्यू गिनी में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग एक दर्जन सम्मान मिल चुके हैं। देश-विदेश में हर जगह मोदी-मोदी की गूंज होती है। इस नौ साल की अवधि में दो वर्ष वैश्विक कोरोना महामारी का प्रकोप रहा। इसने दुनिया के विकसित देशों को भी हिला कर रख दिया। सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इससे संभलने का प्रयास चल ही रहा था कि रूस-यूक्रेन संकट सामने आ गया। इन सभी कारणों से पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ी। अमेरिका और यूरोप के विकसित देशों में कई दशक बाद ऐसी महंगाई देखी गई। इस कोरोना काल में नरेन्द्र मोदी सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी निशुल्क राहत वितरण योजना का संचालन किया। दुनिया का सबसे बड़ा निशुल्क टीकाकरण अभियान चलाया। यह कीर्तिमान है। इसका लोहा दुनिया के लगभग सभी देशों ने माना है। किंतु भारत का विपक्ष नकारात्मक राजनीति से बाहर नहीं निकल पाया। वह बता रहा है कि नौ वर्ष में महंगाई दर सर्वाधिक है।

विपक्ष भूल जाता है कि यूपीए सरकार तेल उत्पादक देशों और कम्पनियों का कई लाख करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ गई थी। इसकी भरपाई भी मोदी सरकार को करनी पड़ रही है। इन नौ वर्षों में अनेक संवेदनशील समस्याओं का समाधान हुआ। निसंदेह यह सभी नरेन्द्र मोदी सरकार के कारण ही संभव हुआ। यदि कोई अन्य सरकार होती तो इन मसलों पर चर्चा तक मुनासिब न होती। कांग्रेस के अनेक दिग्गज नेता श्री रामजन्म भूमि सुनवाई को टालने के लिए जमीन-आसमान एक कर रहे थे। कहा जा रहा था कि दोनों पक्ष सहमति से इसका समाधान निकालें या कोर्ट का फैसला माने।


सहमति से समाधान असंभव था। मंदिर के विरोध में बाकायदा एक्शन कमेटी बनी थी। अपने को सेक्युलर घोषित करने वाले भी मंदिर निर्माण के विरोधी थे। मोदी सरकार के कार्यकाल में शीघ्र समाधान का मार्ग प्रशस्त किया। इससे सदियों से लंबित समस्या का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। अब तो मंदिर भव्य और दिव्य रूप में आकार ले रहा है। तीन तलाक पर प्रतिबंध भी मोदी सरकार के कारण संभव हुआ। अनेक मुस्लिम देश इस पर रोक लगा चुके थे, लेकिन भारत में रोक की बात को ही साम्प्रदायिक करार दिया जाता था। मोदी सरकार ने इसकी कोई चिंता नहीं की। उसने पहल की, अंततः तीन तलाक व हलाला की कुप्रथा का अंत हुआ। मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिला। अनुच्छेद 370 और 35 ए का विरोध करना भी साम्प्रदायिकता माना जाता था। सेक्युलर दिखने के लिए इन अलगाववादी प्रावधानों का समर्थन जरूरी था। संसद में इस पर चली बहस से यह प्रमाणित भी हुआ। इसके हटने पर गम्भीर परिणाम की चेतावनी तक दी गई।

अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत नरेन्द्र मोदी सरकार ने इसको हटा कर ही दम लिया। देश में सत्तर वर्ष बाद एक विधान-एक निशान लागू हुआ। नागरिकता संशोधन कानून लागू हुआ। मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का नारा ही नहीं दिया बल्कि भारत को आत्मनिर्भर बनाकर दिखाया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी दूरदर्शी नीतियों, समर्पण और टीम इंडिया की भावना के साथ देश के लोकतंत्र को एक नई दिशा दी है।

सरकार के प्रत्येक निर्णय लोक कल्याण और राष्ट्रीय हित के अनुरूप हैं। मोदी ने दशकों से फाइलों में धूल फांक रहे फैसलों को लागू किया। इसमें कोई दोराय नहीं कि बीस लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज से भारत की आयात पर निर्भरता कम होगी। भारत आत्मनिर्भर बनेगा। इससे भारत की विकास यात्रा को नई गति मिली है। सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन किया गया। आपदा के इस दौर में उत्पीड़ित लोगों को भारतीय नागरिकता मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ। हालांकि इसके विरोध में जमकर हंगामा भी हुआ। लेकिन सरकार ने इसकी परवाह नहीं की।

केंद्र सरकार ने पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश उत्पीड़ित हिन्दू, बौद्ध, सिख और शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन आमंत्रित किए। यह शरणार्थी गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा पंजाब की 13 जिलों में हैं। सीएए के कारण ही उनके भारतीय नागरिक बनने का रास्ता साफ हुआ था। आजादी के बाद सात दशकों में देश के केवल साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण घरों में ही पानी के कनेक्शन थे। पिछले कुछ महीनों में साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान लागू की गई। इसके दायरे में पचास करोड़ लोग हैं।

इस अवधि में भारत ने डिजिटल लेनदेन में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है। रिकॉर्ड सैटेलाइट प्रक्षेपित किए गए हैं। रिकॉर्ड सड़कें बनाई जा हैं। पूर्वोत्तर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है। स्वरोजगार के लिए मुद्रा बैंक ने बड़ी संख्या में लोगों को लाभान्वित किया है। स्वनिधि योजना से भी गरीब व्यवसायियों को लाभ मिल रहा है। कोरोना काल में अस्सी करोड़ लोगों को निशुल्क राशन की व्यवस्था की गई। जन औषधि दवा केन्द्रों की संख्या अस्सी से बढ़कर पांच हजार हो गई। करीब सवा सौ नए मेडिकल कालेज खुले।

यूपीए के दस वर्ष में भारतीय रेल ने मात्र चार सौ तेरह रेल रोड ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण किया। मोदी सरकार ने इससे तीन गुना अधिक निर्मांण किया। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के पन्द्रह करोड़ से ज्यादा लाभार्थी है। यह दुनिया की सबसे सस्ती योजना है। बिजली उत्पादन चालीस प्रतिशत वृद्धि हुई। सोलर ऊर्जा में आठ गुना वृद्धि हुई। फसल बीमा योजना का लाभ पहले पचास प्रतिशत नुकसान पर मिलता था। अब किसान को तैंतीस प्रतिशत पर भी मिल जाता है। यूरिया को नीम कोटेड किया कालाबाजारी खत्म हुई। देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है। किसानों को सम्मान निधि दी जा रही है। पिछली सरकारों के समय 52 सेटेलाइट लॉन्च किए गए थे। मोदी सरकार अब तक करीब 300 सेटेलाइट लॉन्च कर चुकी है।

सरकार ने चालीस करोड़ लोगों के जनधन खाते खुलवाए। पहले ये लोग बैंकिंग सेवा से वंचित थे। आयुष्मान, उज्ज्वला और निर्धन आवास योजनाएं संचालित की गईं। देश खुले में शौच से मुक्त हो गया। भाजपा सरकार ने घर घर बिजली पहुंचाई। आठ करोड़ गैस कनेक्शन दिए। राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए कहा था कि योजनाओं के एक रुपये में पन्द्रह पैसा गरीबों तक पहुंचता था। लेकिन वे बस कहकर ही रह गए, समाधान की दिशा में कुछ नहीं किया। समाधान नरेन्द्र मोदी ने किया है। आज पूरा पैसा सीधे लोगों के खातों में पहुंच रहा है।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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