लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने शनिवार को मुख्यमंत्री सहभागिता योजना (Chief Minister Participation Scheme) के तहत प्रत्येक गाय के लिए दैनिक भरण-पोषण भत्ता (Daily maintenance allowance) 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया, ताकि गौवंश के कल्याण में सहायता की जा सके और निराश्रित मवेशियों को गोद लेने वाले लोगों की आजीविका में सुधार हो सके. यह घोषणा पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की यहां हुई बैठक के बाद की गई. बैठक की अध्यक्षता पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री धर्मपाल सिंह (Dharampal Singh) ने की।
एक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत कुल 1,62,625 निराश्रित गायें 1,05,139 लाभार्थियों को सौंपी गई हैं, जिसमें प्रत्येक परिवार अधिकतम चार गायों को गोद ले सकता है. इसमें यह भी कहा गया कि राज्य सरकार युवा पीढ़ी में गायों और दूध के महत्व को समझाने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में गाय और मवेशी पालन को शामिल करने पर विचार कर रही है।
बैठक में गौ संरक्षण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की गई, जिसमें दूध उत्पादन बढ़ाने और गाय के गोबर और मूत्र के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं।
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर चुनावी रण, कौन मारेगा बाजी?
सरकार ने कृषि विभाग के सहयोग से वर्मीकम्पोस्ट इकाइयों की स्थापना सहित गौशालाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए एक रणनीति तैयार की है, बयान में कहा गया है, ये इकाइयां खाद बनाने के लिए केंचुआ भी पैदा करेंगी, साथ ही जैविक खाद के लाइसेंसिंग और विपणन को सुव्यवस्थित करने की योजना है. राज्य में 7,713 गौशालाओं में 12 लाख से अधिक निराश्रित गायों की देखभाल की जा रही है।
बयान में कहा गया है कि गौ संरक्षण के लिए 543 बड़े केंद्रों के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है, जिसकी निर्माण लागत 120 लाख रुपये से बढ़ाकर 160.12 लाख रुपये कर दी गई है. सुरक्षा में सुधार के लिए मवेशियों पर रेडियम बेल्ट लगाई जा रही है और गौ संरक्षण कोष का उपयोग करके आश्रय स्थलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved