विदेश

रूस में उतरे एयर इंडिया विमान को लेकर अमेरिका की कड़ी नजर

वाशिंगटन (washington)। दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को (san francisco) जा रही एयर इंडिया की उड़ान AI173 के एक इंजन में मंगलवार को तकनीकी खराबी (technical fault) आ जाने के कारण पायलट ने तुरंत नजदीकी रूस (Russia) के मगदान हवाई अड्डे से संपर्क किया और उड़ान को डायवर्ट करने की इजाजत मांगी। इसके बाद विमान को सुरक्षित रूप से उतारा गया। इस बीच, अमेरिका भी स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है।

बता दें कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली निजी विमानन कंपनी ने कल शाम एक बयान में कहा कि दिल्ली से उड़ान संख्या एआई173 को इंजन में खराबी के कारण मंगलवार को रूस के मगदान की ओर मोड़ दिया गया। 216 यात्रियों और 16 चालक दल को लेकर विमान सुरक्षित उतरा।



विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका जा रहे एक विमान के बारे में जानते हैं, जिसे रूस में आपात स्थिति में उतरना पड़ा। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। पटेल से जब पूछा गया कि विमान में कितने अमेरिकी नागरिक थे, तो उन्होंने कहा कि मैं इस समय यह पुष्टि करने में सक्षम नहीं हूं कि उड़ान में कितने अमेरिका के लोग सवार थे।

पटेल ने कहा कि विमान ने उड़ान अमेरिका आने के लिए भरी थी। इसलिए, निश्चित रूप से संभावना है कि इसमें अमेरिका के नागरिक भी हैं। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया से लगातार बातचीत चल रही है। पटेल ने कहा कि मेरी समझ से यात्रियों के लिए एक अन्य विमान को उपलब्ध कराया जा रहा है।

यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एयर इंडिया 7 जून को मगदान से सैन फ्रांसिस्को के लिए एक वैकल्पिक विमान की व्यवस्था करेगी। इस विमान से AI173 के सभी यात्री और चालक दल रवाना होंगे। सभी फिलहाल मगदान के स्थानीय होटलों में ठहरे हुए हैं। वहां के अधिकारी यह सुनिश्चित करने के हमारा पूरा सहयोग कर रहे हैं कि यात्री सुरक्षित रूप से जल्द से जल्द अपने गंतव्य तक पहुंचें।

Share:

Next Post

2030 से गर्मियों में महासागर में नहीं होगी बर्फ, वैज्ञानिकों ने लगाया डरावना अनुमान, बताई ये वजह

Wed Jun 7 , 2023
ओस्लो। प्रकृति में आ रहे बदलाव के कारण पर्यावरण पर भीषण असर पड़ा है। सैकड़ों वैश्विक चर्चाएं और कई प्रयासों के बाद भी पर्यावरण को नियंत्रित नहीं किया जा सका। नई जांच रिपोर्ट के अनुसार, अब आर्कटिक महासागर में गर्मियों वाली बर्फ 2030 तक विलुप्त हो जाएगी। बर्फ को संरक्षित करने में काफी देर हो […]