बरेली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बरेली (Bareilly) में 9 मार्च को उत्तराखंड पुलिस की सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike by Uttarakhand Police) का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. बरेली में घुसकर 300 पुलिसकर्मियों के साथ उधम सिंह नगर के एसएसपी ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिस पर बरेली के एसएसपी ने सवाल उठाए थे. अब सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) वाले गांव के ग्रामीणों ने उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) के खिलाफ शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है. बरेली के एसएसपी ने भी उत्तराखंड पुलिस के खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद एक जांच कमेटी बनाकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
पूरा मामला थाना फतेहगंज पश्चिमी के अगरासपुर गांव का है. 9 मार्च को एक इनपुट के आधार पर उत्तराखंड पुलिस ने भारी पुलिस बल के साथ सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इसमें उधम सिंह नगर के एसएसपी सहित कई सीनियर पुलिस ऑफिसर्स, सब इंस्पेक्टर और सिपाही शामिल थे. अचानक हुई इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बरेली के एसएसपी नाराज हो गए. उनका कहना था कि अगर बरेली में नशा कारोबारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करनी थी, तो पहले बताना जरूरी था. बिना बताए उनके जिले में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करना गलत था।
उधम सिंह के एसएसपी हुए नाराज
दूसरी ओर, बरेली के एसएसपी के सवाल उठाने पर उधम सिंह नगर के एसएसपी मणिकांत मिश्रा नाराज हो गए. इसके बाद दोनों एसएसपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए. अब अगरासपुर गांव के कुछ ग्रामीणों ने उत्तराखंड पुलिस के खिलाफ बरेली पुलिस से शिकायत की है, जिससे बरेली के एसएसपी को उत्तराखंड पुलिस के खिलाफ कार्रवाई का मौका मिल गया. उन्होंने एसपी साउथ मुकेश मिश्रा के नेतृत्व में तीन सीनियर पुलिस अधिकारियों की टीम बनाकर जांच का आदेश दे दिया है।
बड़े अफसर बने तमशबीन
फिलहाल, उत्तराखंड और बरेली पुलिस की यह लड़ाई तूल पकड़ती जा रही है. अब देखना यह है कि इस मामले में कौन किस पर भारी पड़ता है. लेकिन इतना हंगामा होने के बाद भी बरेली रेंज के आईजी और जोन के एडीजी मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और तमाशा देख रहे हैं।
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