नई दिल्ली। कोरोना वायरस (corona virus) के खिलाफ सबसे प्रभावी तरीका वैक्सीनेशन है। जिन लोगों को इसकी एक भी डोज लगाई जा चुकी है, उन्हें इसका प्रमाणपत्र जारी किया जाता है, हालांकि कई बार प्रमाणपत्र (Covid-19 Vaccination Certificate) में कुछ गलतियां हो जाती हैं! अब केंद्र सरकार की नई पहल से इस प्रमाणपत्र में हुई गलतियों को Cowin Portal पर ठीक सुधारा जा सकता है।
इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विकास शील ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि नए अपडेट में कोविन पोर्टल में एक ऐसी सुविधा दी जाएगी जिसके द्वारा टीकाकरण प्रमाणपत्रों पर नाम, जन्म वर्ष और लिंग में अनजाने में हुई त्रुटियों को सुधारा जा सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विकास शील ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविन पोर्टल के नए अपडेट में कोरोना टीकाकरण प्रमाण पत्र में टीकाकरण तिथि या अन्य गलतियों को सुधारने के लिए अनुरोध सबमिट करने की सुविधा मिलेगी, हालांकि यह तब ही होगा जब मुद्रित तिथि टीकाकरण की वास्तविक तिथि से भिन्न होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि देश में कोविड-19 वैक्सीन की खुराक गुरुवार को 185.36 करोड़ को पार कर गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गुरुवार को शाम सात बजे तक 14 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। वहीं अब तक 12-14 वर्ष आयु वर्ग में 2.10 करोड़ से अधिक टीके की खुराक दी जा चुकी है। हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के लोगों को 2.40 करोड़ से अधिक एहतियाती खुराक दी गई है।
इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के एक अध्ययन में कोवाक्सिन टीके को लेकर बड़ी जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि कोवाक्सिन के दोनों डोज लिए जाने के बाद संक्रमण के मामलों में कोरोना के चिंता के स्वरूपों बीटा, डेल्टा और ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रतिरक्षा शक्ति में काफी वृद्धि देखी गई। कोरोना से उबर चुके लोगों में कोवाक्सिन के टीकाकरण के बाद प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, लेकिन यह ‘ब्रेकथ्रू’ या उन मामलों से कम थी जिनमें टीकाकरण के बाद भी लोगों को कोरोना हुआ।
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