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पितरों को मोक्ष दिलाने वाली वैशाख अमावस्‍या आज, जानें पूजा विधि व महत्‍व

वैशाख अमावस्या आज है। मंगलवार (Tuesday) के दिन पड़ने के कारण यह भौम अमावस्या है। शास्त्रों में वैशाख अमावस्या को धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। यह पितरों को मोक्ष दिलाने वाली तिथि है। इस दिन पितरों के लिए तर्पण करने का विधान है। इस तिथि में सूर्य और चंद्रमा दोनों ग्रह मेष राशि (Aries) में विराजमान होंगे।
इस वर्ष वैशाख अमावस्या (Vaishakh amavasya) के दिन तीन विशेष योग बन रहे हैं, इसलिए इसकर महत्व ज्यादा है। मंगलवार दिन होने के कारण इसे भौमवती अमावस्या (Bhumavati amavasya) भी कहा जाता है। सोमवार के दिन पड़ने पर इसे सोमवती अमावस्या ​कहा जाता है। हिन्दू धर्म में अमवास्या का विशेष महत्व (Special importance) होता है। इस दिन नदी में स्नान करने, पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म करने और दान देने का विधान है।

वैशाख अमावस्या मुहूर्त
वैशाख अमावस्या तिथि 10 मई की रात 09 बजकर 55 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसकी समाप्ति 12 मई को 12 बजकर 29 मिनट पर होगी।

वैशाख अमावस्या स्नान
अमावस्या की उदया तिथि 11 मई को प्राप्त हो रही है, ऐसे में वैशाख अमावस्या का स्नान 11 मई को प्रात: होगा। इस वर्ष कोरोना महामारी का प्रकोप है, ऐसे में आप घर पर ही स्नान कर लें। उसके बाद जप, दान और पितरों की मुक्ति के लिए श्राद्ध कर्म कर सकते हैं।


अमावस्या के दिन इस तरह करें पूजा
अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें।
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
सूर्योदय के समय भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें।
इस दिन कर्मकांड के साथ अपने पितरों का तर्पण करें।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखें।
जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें।
ब्राह्मणों को भोजन कराएं। 

वैशाख अमावस्या का महत्व
वैशाख अमावस्या का दिन पितरों के मोक्ष के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन स्नान आदि से निवृत होने के बाद पितरों को पिंडदान करते हैं। ऐसा करने से पितरों की आत्माएं तृप्त होती हैं, उनको मोक्ष मिलता है और वे अपने वंश को वृद्धि का आशीष भी देते हैं।

वैशाख अमावस्या पर तीन विशेष योग
इस वर्ष वैशाख अमावस्या के दिन दो विशेष योग (Special sum) बन रहे हैं। इस दिन सौभाग्य योग और शोभन योग बन रहा है। 11 मई को सौभाग्य योग रात 10 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। उसके पश्चात शोभन योग लग जाएगा। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। 11 मई को रात 11 बजकर 31 मिनट से अगले दिन 12 मई को प्रात: 05 बजकर 32 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yoga) रहेगा। ये तीनों ही योग महत्वपूर्ण होते हैं। सौभाग्य योग भाग्य में वृद्धि का कारक होता है, शोभन योग शुभता प्रदान करता हैं।

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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