नई दिल्ली। घर में यदि कलह हो तो जीवन नर्क के समान हो जाता है। घर का मुखिया पिता होता है परिवार में पिता की एक अहम भूमिका होती है। पारिवारिक जीवन में संतुष्टि के लिए पिता और संतान के बीच अच्छे संबंध बेहद जरूरी हैं। पुरानी कहावत है, अगर आप अपने पारिवारिक जीवन से संतुष्ट हैं, आपका परिवार आपसे स्नेह रखता है तो आप दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्या, परेशानी से निपट सकते हैं। लेकिन पिता और संतान का न बनना भी कुंडली में दोष एवं वास्तु दोष को जन्म देता है।
वास्तु शास्त्र (Vaastu Shaastra) में आज जानिए वास्तु दोष के कारण पिता-पुत्र के बीच तनाव के बारे में। कई बार घर में कुछ वास्तु दोष (Shortcoming) पिता-पुत्र के रिश्ते में अनबन का कारण बन जाते हैं इसलिए आज हम आपको बता रहें कि कैसे आप उन वास्तु दोषों से छुटकारा पा सकते हैं और अपने रिश्ते में पहले जैसा प्यार वापस ला सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पिता-पुत्र के बीच तनाव (stress) का सबसे बड़ा कारण घर के उत्तरी-पूर्वी कोने का दूषित होना है। इस कोने में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष होने के कारण ही पिता-पुत्र (father and son) में झगड़े होते हैं। इसलिए इन सबसे छुटकारा पाने के लिये घर की उत्तर-पूर्व दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। साथ ही इस दिशा में कभी भी कूड़ेदान नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर के सदस्यों के बीच आपस में मन-मुटाव (bickering) होता है और सब एक-दूसरे से ईर्ष्या करने लगते हैं।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. हम इनकी पुष्टि नहीं करते है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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