नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या में मिली 5 एकड़ जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बाबरी नाम से किसी मस्जिद के निर्माण की बात को खारिज कर दिया है. इस बीच विश्व हिंदू परिषद ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को 2010 में हुए हरिद्वार कुंभ के संत सम्मेलन का प्रस्ताव याद कराते हुए कहा कि संगठन कभी देश में विदेशी आक्रांताओं की निशानी बनने भी नहीं देगा.
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि हरिद्वार में 2010 के कुंभ के दौरान हुए संत सम्मेलन में जारी प्रस्ताव में कहा गया था कि देश में किसी भी स्थान पर बाबरी नाम से कोई मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी. अयोध्या का आंदोलन सिर्फ राम मंदिर तक सीमित नहीं था, बल्कि यह बाबरवादी सोच विदेशी आक्रांताओं की निशानियों के खिलाफ जंग थी. सुन्नी वक्फ बोर्ड का फैसला सही है, लेकिन याद रखें कि संगठन किसी विदेशी आक्रांता के नाम पर निर्माण बर्दाश्त नहीं करेगा.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या के पास रौनाही के धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मिली है. हाल में सोशल मीडिया पर चर्चा उड़ी कि यहां पर बाबर के नाम से नई मस्जिद बनाने की तैयारी है, जिस पर सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से गठित ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने बाबर के नाम से मस्जिद बनने की बातों को अफवाह करार दिया है.
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