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मणिपुर में फिर हिंसा, पुलिसकर्मी की हत्या; भीड़ ने सुरक्षा चौकियों पर हमला कर हथियार लूटे

नई दिल्ली। मणिपुर में बीते कई महीनों से जारी हिंसा पर फिलहाल लगाम लगता लगता नहीं दिख रहा। रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार को इंफाल पश्चिम में हुई हिंसा में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई है। खबर है कि बिष्णुपुर जिले में भीड़ ने गुरुवार को कम से कम दो सुरक्षा चौकियों पर तोड़फोड़ की, इस दौरान स्वचालित बंदूकों सहित हथियार और गोला-बारूद लूट लिए गए।

कौतरुक, हरोथेल और सेंजम चिरांग इलाकों में हुई गोलीबारी
मणिपुर पुलिस के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं दोनों की भीड़ ने बिष्णुपुर जिले में मणिपुर सशस्त्र पुलिस की दूसरी बटालियन के कीरेनफाबी पुलिस चौकी और थंगलवई पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और हथियार लूट लिए। भीड़ ने हेनगांग और सिंगजामेई पुलिस स्टेशनों से भी हथियार और गोला-बारूद जब्त करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उनके हमले को विफल कर दिया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सशस्त्र हमलावरों और सुरक्षा बलों के बीच कौतरुक, हरोथेल और सेंजम चिरांग इलाकों में गोलीबारी हुई। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में एक सुरक्षाकर्मी सहित दो लोग घायल हो गए।

सिर में गोली लगने से मणिपुर पुलिस के जवान की मौत
इंफाल पश्चिम के सेनजम चिरांग में स्नाइपर के सिर में गोली लगने से मणिपुर पुलिस के एक जवान की मौत हो गई। पास की पहाड़ी शृंखलाओं से कौत्रुक और सेंजाम चिरांग में संदिग्ध आतंकवादियों की आरे से की गई गोलीबारी में एक गांव का स्वयंसेवक भी घायल हो गया। बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों के बीच सीमा पर स्थित फुगाकचाओ इखाई में 500-600 लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और इस दौरान करीब 25 लोगों को मामूली चोटें आईं। पुलिस के बयान में कहा गया है, “पिछले 24 घंटों के दौरान, राज्य में स्थिति अभी भी अस्थिर और तनावपूर्ण है, जिसमें विभिन्न स्थानों पर गोलीबारी और अनियंत्रित भीड़ के इकट्ठा होने की छिटपुट घटनाएं हुई हैं।”


1047 लोगों को किया गया गिरफ्तार
मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 जांच चौकियां स्थापित की गई थीं। पुलिस ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में निर्देशों के उल्लंघन के सिलसिले में करीब 1,047 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में उपद्रवियों ने सुरक्षा बलों के 300 से ज्यादा हथियार और कई राउंड गोला-बारूद लूट लिया। मणिपुर के कांगपोकपी में जिले के कुछ हिस्सों से असम राइफल्स के जवानों की वापसी के विरोध में प्रदर्शन किया गया, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं। मणिपुर के कांगपोकपी जिलों में भी छिटपुट गोलीबारी की घटनाएं हुईं। मणिपुर में अधिकारियों ने जिले में कर्फ्यू में आंशिक ढील के आदेश वापस ले लिए है। अब यहां पर पूर्ण कर्फ्यू लगा रहेगा।

कुकी-जोमी के प्रस्तावित दफन स्थल पर यथास्थिति का आदेश
मणिपुर की जातीय हिंसा में मारे गए कुकी-जोमी लोगों को सामूहिक रूप से दफनाने की योजना से कुछ घंटे पहले हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को चुराचांदपुर में प्रस्तावित दफन स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। कुकी-जोमी संगठन ने बृहस्पतिवार को राज्य में जातीय दंगों में मारे गए 35 लोगों को चुराचांदपुर जिले के हाओलाई खोपी गांव में एक स्थल पर दफनाने की योजना बनाई थी, जिसके परिणामस्वरूप मणिपुर के कई जिलों में तनाव पैदा हो गया। कार्यवाहक चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन व जस्टिस ए गुणेश्वर शर्मा की पीठ ने मामले की तात्कालिकता को देखते हुए सुबह छह बजे की सुनवाई शुरू की। राज्य और केंद्र सरकारों और उनकी कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के साथ-साथ जनता को भी संबंधित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।

मणिपुर में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद शुरू हुई थी झड़पें
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

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