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प्रशांत महासागर में हुआ ज्वालामुखी विस्फोट, दुनिया के सामने आया एक नया द्वीप

टोक्यो: दुनिया में अधिकतर लोगों का मानना है कि ज्वालामुखी जब फटते (Volcanic Eruption) हैं तो केवल बर्बादी लेकर आते हैं. हालांकि प्रशांत महासागर में हुए ज्वालामुखी के विस्फोट ने लोगों को अपनी इस राय पर दोबारा सोचने को मजबूर कर दिया है. वहां पर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद इतनी बड़ी मात्रा में लावा बाहर निकला कि समुद्र में एक छोटा द्वीप (Japan New Island) बन गया है.

महासागर में उभरा प्राकृतिक द्वीप
Mainichi Shimbun अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक ज्वालामुखी का यह विस्फोट जापान (Japan) की राजधानी टोक्यो से करीब 1200 दूर दक्षिण के समुद्री इलाके में हुआ. विस्फोट होने के बाद जापान कोस्ट गार्ड की टीम ने मौके का मुआयना किया तो वहां समुद्र में उन्हें एक नया द्वीप मिला. कोस्ट गार्ड के मुताबिक प्रशांत महासागर में उभरा यह द्वीप प्रकृति निर्मित है. यह द्वीप जापान के Minami Ioto द्वीप से करीब 50 किमी दूर है.

इतना है द्वीप का क्षेत्रफल
जापानी कोस्ट गार्ड के मुताबिक समुद्र में उभरा यह नया द्वीप (Japan New Island) क्रिसेंट आकार का है और इसका diameter करीब 1 किमी है. दिलचस्प बात ये है कि जापानी सागर में इससे पहले भी 1904, 1914 और 1986 में द्वीप उभरे थे लेकिन बाद में वे तूफानों की वजह से लुप्त हो गए. ऐसे में इस द्वीप (Island) का अस्तित्व भी अल्पकालिक कहा जा रहा है.

द्वीप के भविष्य पर सवाल?
कोस्ट गार्ड के मुताबिक कोई द्वीप (Island) समुद्र में कितनी देर तक टिकेगा. यह उस सामग्री पर निर्भर करता है, जिससे वह बनता है. राख और दूसरी सामग्री में समुद्री की लहरों से टकराने की ज्यादा शक्ति नहीं होती. हालांकि अगर उस इलाके में कोई ज्वालामुखी सक्रिय है और उसका लावा निरंतर बाहर आता रहता है तो उससे निर्मित सतह कठोर और टिकाऊ होती है.

दिचस्प तथ्य ये है कि पूरा जापान (Japan) देश विभिन्न द्वीप समूहों की विस्तृत श्रंखला से बना है. वहां पर करीब 6 हजार से ज्यादा द्वीप (Island) हैं. ऐसे में समुद्र में एक और नए द्वीप के उदय को वहां अच्छी नजर से देखा जा रहा है.

मौसम एजेंसी ने जारी की ये चेतावनी
वहीं जापान की मौसम एजेंसी ने ज्वालामुखी विस्फोट को लेकर नई चेतावनी जारी की है. एजेंसी ने कहा है कि पिछले सप्ताह के अंत में शुरू हुआ ज्वालामुखी का विस्फोट (Japan Volcanic Eruption) अभी जारी रह सकता है. इससे आस-पास के पानी में धुएं और राख का बड़ा ढेर जमा हो सकता है. लिहाजा लोग उस इलाके में जाने से परहेज करें और वहां से दूर रहें.

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