नई दिल्ली: रोहित शर्मा की टीम इंडिया ने नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए 3 टी20 की सीरीज का दूसरा मैच 6 विकेट से जीता. भारत की जीत में कप्तान रोहित शर्मा के साथ ही बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल का भी अहम योगदान रहा. अक्षर ने 8 ओवर के मैच में अपने कोटे के 2 ओवर में महज 13 रन देकर 2 विकेट लिए. उनके अलावा जसप्रीत बुमराह ने भी चोट से उबरने के बाद इस मैच से कमबैक किया और उनकी वापसी शानदार रही.
बुमराह ने भले ही 2 ओवर में 23 रन दिए. लेकिन, उनकी गेंदबाजी में पुरानी रफ्तार और धार दोनों नजर आई, जोकि टी20 वर्ल्ड कप से पहले भारत के लिए अच्छा संकेत है. आखिर क्यों बुमराह और अक्षर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 में सफल रहे? क्यों कंगारू बल्लेबाज उनकी गेंदों पर ज्यादा रन नहीं बटोर पाए? तो इसका इन दोनों गेंदबाजों के बचपन में छुपा है.
अक्षर और जसप्रीत दोनों 28 साल के हैं और एक महीने के अंतर से दोनों का जन्म गुजरात में ही हुआ है. अक्षर और बुमराह दोनों ने ही अपने शुरुआती दौर में काफी टेनिस बॉल क्रिकेट खेला है. खासतौर पर 6 से 8 ओवर के मैच ज्यादा खेले हैं. इसीलिए जब शुक्रवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टी20 बारिश के कारण 8-8 का करना पड़ा तो इन दोनों गेंदबाजों को अपने बचपन के दिन याद आ गए.
अक्षर ने भी बुमराह से कहा कि नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 8 ओवर के मैच ने उन्हें बचपन की याद दिला दी. अक्षर के कहा, ‘मुझे बिल्कुल बचपन जैसा लगा. इस तरह के मैच में पहली ही गेंद से डेथ ओवर शुरू हो जाता है. बल्लेबाज अपने विकेट की परवाह किए बगैर हर गेंद पर बड़ा शॉट लगाने के लिए बल्ला घुमाते हैं और हुआ भी ऐसा ही है.’
बुमराह-अक्षर ने काफी टेनिस बॉल क्रिकेट खेला है
प्रोफेशनल क्रिकेटर बनने से पहले अक्षर और बुमराह दोनों ने टेनिस बॉल से इस तरह के काफी मैच खेले थे और इन्हें पता था कि इस तरह के मुकाबलों में पहली ही गेंद से डेथ ओवर शुरू हो जाता है. इसी वजह से दोनों ने उसी सोच के साथ गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रन बनाने के मौके कम से कम दिए.
गुजरात में ही शुरू से ही टेनिस बॉल क्रिकेट काफी लोकप्रिय रहा है. सिर्फ अक्षर-बुमराह ही नहीं, बल्कि पठान ब्रदर्स (इरफान और युसूफ) और पंड्या ब्रदर्स (हार्दिक और क्रुणाल) ने भी टेनिस बॉल से ही अपना क्रिकेट करियर शुरू किया था और फिर टीम इंडिया तक पहुंचे.
बचपन में खेले टेनिस बॉल क्रिकेट का अक्षर को हुआ फायदा
जहां तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 की बात है, तो अक्षर की रणनीति साफ थी. उन्होंने सोच रखा था कि विकेट टू विकेट गेंदबाजी करना है. बल्लेबाजों को शॉट लगाने के लिए जगह नहीं देना और अगर अच्छी गेंद पर बाउंड्री लग जाती है तो निराश नहीं होना. टेनिस बॉल क्रिकेट में भी वो इसी सोच या रणनीति के साथ गेंदबाजी करते थे.
अक्षर ने ज्यादा आर्म बॉल फेंकी
इस मैच में अक्षर ने लॉन्ग-ऑन और मिडविकेट को बाउंड्री पर रखकर पावरप्ले में गेंदबाजी की शुरुआत की. इसी वजह से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों नेउनके खिलाफ जगह बनाकर शॉट मारने की कोशिश की. लेकिन, अक्षर ने चालाकी दिखाई और सिर्फ आर्म बॉल और क्रॉस सीम गेंद फेंकी और वेरिएशन के रूप में ही दाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए बाहर निकालने वाली गेंद फेंकी. अक्षर ने लेंथ भी अच्छी रखी. उनके इसी जाल में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फंसे और गेंद की लाइन से हटकर शॉट मारने के चक्कर में आउट हो गए.
अक्षर ने अपने दूसरे और आखिरी ओवर में बाएं हाथ के बल्लेबाज मैथ्यू वेड को लगातार चार गेंद डॉट फेंकी. वेड ने जगह बनाकर और दोनों तरह के स्वीप शॉट मारने की कोशिश की. लेकिन, अक्षर अपनी लाइन से भटके नहीं और सीधा विकेट टू विकेट गेंदबाजी की. अक्षर ने 2 ओवर में 13 रन दिए. इसमें से एक ओवर उन्होंने पावरप्ले में फेंका था.
बुमराह ने भी कसी हुई गेंदबाजी की
अक्षर से उलट जसप्रीत बुमराह को कप्तान रोहित शर्मा पांचवें ओवर में गेंदबाजी के लिए लाए. उन्होंने पहले ही ओवर में कसी हुई गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एरॉन फिंच को हाथ नहीं खोलने दिए. इस ओवर में फिंच सिर्फ एक चौका लगा पाए और बुमराह ने आखिरी गेंद यॉर्कर फेंकी और जब तक फिंच बल्ला नीचे ला पाते, तब तक गेंद उनका लेग स्टम्प उड़ा चुकी थी. फिंच भी बुमराह की इस गेंद से इतने प्रभावित नजर आए कि गेंदबाज की तारीफ करने के लिए अपना बल्ला थपथपाने लगे.