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शुक्रवार के दिन माता संतोषी का क्‍यों करतें हैं व्रत, जानें महत्‍व और पूजन विधि

आज का दिन शुुुुुुुुक्र्रवार है जो एक पावन दिन है आज के दिन माता लक्ष्‍मी का होता हैै इसी के साथ शुक्रवार के दिन सुख संपत्‍ती आदि के लिए माता संतोंषी का व्रत भी किया जाता है । हिंदू धर्म के मुताबिक, शुक्रवार का दिन संतोषी माता की पूजा के लिए निर्धारित है। मान्यता है कि संतोषी माता का व्रत हर तरह से गृहस्थी को धन-धान्य, पुत्र, अन्न-वस्त्र से परिपूर्ण रखता है और मां अपने भक्त को हर कष्ट से बचाती हैं। आइए जानते हैं शुक्रवार व्रत का महत्व और पूजा-विधि।

शुक्रवार व्रत का महत्व
मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। उसके घर में सुख-समृद्धि प्रवाहित होने लगती है। इसलिए बहुत से लोग सुख-शांति और धन की प्राप्ति के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं। यह व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को शुरू करना शुभ माना जाता है।


शुक्रवार व्रत की पूजन-विधि

शुक्रवार के दिन सुबह घर की सफाई आदि करने के बाद संतोषी माता की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।

मूर्ति के सामने कलश रखना चाहिए और उस पर दीपक जलाना चाहिए।

संतोषी माता की पूजा करने के लिए जातकों शुक्रवार के दिन खटाई खाने, झूठ बोलने और अन्य बुरे काम करने से बचना चाहिए।

इस दिन संतोषी माता को गुड़ और चने का भोग लगाना चाहिए।

शाम के समय संतोषी माता की कथा सुनने के बाद अपना व्रत खोलें।

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सूचना सामान्‍य उद्देश्‍य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्‍यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्‍न माध्‍यमों जैसे ज्‍योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्‍वयं की जिम्‍मेंदारी होगी ।

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