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    उत्तर कोरिया चुकाएगा रूस का एहसान? यूक्रेन युद्ध में पुतिन की मदद करेंगे किम जोंग!

  • September 10, 2023

    नई दिल्ली: यूक्रेन युद्ध में अब उत्तर कोरिया भी कूदने वाला है. अमेरिका के लाख चेताने के बावजूद किम जोंग उन रूस को हथियार सप्लाई कर सकते हैं. युद्ध में जिस तरह से यूक्रेन ने अपना बचाव किया और अब वह मॉस्को तक अटैक करने लगा है, रूस को अपने पुराने साथी की जरूरत पड़ गई है. खुद पुतिन ने हथियारों का प्रोडक्शन बढ़ा दिया लेकिन अब उन्हें मदद की भी जरूरत है.

    रिपोर्ट की मानें तो उत्तर कोरिया के पास लाखों आर्टिलरी शेल और रॉकेट्स हैं, जो अगर रूस को मिल जाते हैं तो युद्ध में बड़ी मदद साबित होगी. अमेरिका का कहना है कि आने वाले दिनों में किम उन खुद रूस जाने वाले हैं, जहां पुतिन के साथ बैठक कर वह डील फाइनल कर सकते हैं. जुलाई महीने में रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू उत्तर कोरिया गए थे. यह अपने आप में ऐतिहासिक था. 1991 में सोवियत के टूटने के बाद वह उत्तर कोरिया जाने वाले पहले नेता हैं.

    उत्तर कोरिया पर रूस का एहसान!
    किम-पुतिन में होने वाली संभावित डील 1950-53 में कोरियाई युद्ध की याद दिलाता है जब सोवियत यूनियन (अब रूस) ने कम्युनिस्ट कोरिया की हथियारों और गोला बारूद सप्लाई कर बड़ी मदद की थी. अगर डील फाइनल होती है तो यह उत्तर कोरिया के लिए रूस का एहसान चुकाने जैसे होगा.

    किम के दौरे पर रूस खामोश, पहुंच सकते हैं पुतिन से मिलने
    किम के संभावित रूस दौरे पर क्रेमलिन ने कुछ भी कहने से फिलहाल इनकार किया है. रूस ने कहा कि बाकी देश क्या सोचते हैं, इसकी उसे परवाह नहीं है. उत्तर कोरिया उसका पड़ोसी है और अपने संबंधों को आगे बढ़ाते रहेंगे. 2019 में किम जोंग उन रूस गए थे और राष्ट्रपति पुतिन से लंबी बातचीत भी हुई थी. आगे कोई बात नहीं बढ़ी और दोनों नेताओं में चार साल के दरमियान कोई राउंड टेबल बातचीत भी नहीं हुई.


    रूस की चाहत है कि किम जोंग उन जल्द से जल्द डील फाइनल करें ताकि युद्ध में पश्चिम समर्थक यूक्रेन को ‘सबक सिखा सकें.’ पुतिन उत्तर कोरिया को हथियारों का बेस बनाना चाहते हैं, जो बेरोकटोक उसे हथियार सप्लाई करता रहे. उन्हें उम्मीद है कि किम गोला बारूद, बम और बाकी भारी हथियारों से मदद करेंगे. किम पहले भी अनौपचारिक रूप से रूस की मदद कर चुके हैं. नवंबर 2022 में खबर आई थी कि वैगनर ग्रुप को उन्होंने हथियारे बेचे, लेकिन इन दावों को रूस-उत्तर कोरिया ने नकार दिया था.

    रूस ने दक्षिण कोरिया में अमेरिकी गतिविधियों की निंदा की
    रूसी राष्ट्रपति पुतिन और किम ने हाल ही में एक दूसरे को चिट्ठी लिखी. दोनों नेताओं ने रणनीतिक सहयोग की अपील की थी. रूस ने इस साल दक्षिण कोरिया में अमेरिकी गतिविधियों की आलोचना की. अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई सेना ने संयुक्त युद्धाभ्यास किया था, जिसके विरोध में लंबे समय बाद रूस ने अमेरिका पर जुबानी हमला किया.

    रूस-चीन ने उत्तर कोरिया पर अमेरिकी प्रतिबंधों को किया वीटो
    रूस ने चीन के साथ मिलकर उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल परीक्षणों को लेकर उस पर लगाए गए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों में ढील देने की अपील की थी. दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं, जिन्होंने 2006 के बाद से उत्तर कोरिया पर कुल 11 दौर के प्रतिबंधों को मंजूरी दी.

    अब जैसे-जैसे उत्तर कोरिया के साथ रूसी पुतिन की करीबी बढ़ रही है, चीन भी साथ आकर अमेरिका की आलोचना करने लगा है. मई में, रूस और चीन ने उत्तर कोरिया पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने के अमेरिका की कोशिशों को वीटो कर दिया था. इस साल किम ने बड़े स्तर पर मिसाइल टेस्टिंग की है, जिसकी अमेरिका ने वैश्विक मंच पर आलोचना की, लेकिन उनके पीछे भी पुतिन-जिनपिंग आ खड़े हुए हैं.

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