नई दिल्ली। फाइजर (Pfizer’s) ने संक्रमण के संपर्क मे आने वाले लोगों में कोविड (Covid-19) को रोकने के लिए एक गोली (New Pill) का मिडिल से लेट स्टेज का क्लीनिकल ट्रायल (clinical trial) शुरू कर दिया है. कंपनी ने हाल ही में इसकी जानकारी दी. कंपनी के मुताबिक इस ट्रायल का उद्देश्य बीमारी के संक्रमण और लक्षणों से बचाव में दवा की सुरक्षा और असर का आकलन करना है. ये एक मुंह से ली जाने वाली एंटीवायरल दवा है जो वायरस के संपर्क में आने के बाद कोविड-19 (Covid-19) के संक्रमण को रोक सकती है।
फाइजर ने PF-07321332 नाम की इस दवा को बनाने की शुरुआत मार्च 2020 में कर दी थी, इसका रितोनाविर (एचआईवी की दवा) के संयोजन में परीक्षण चल रहा है. ये दवा प्रोटीज इन्हीबीटर कहलाती है, प्रयोगशाला में हुए परीक्षण के मुताबिक ये दवा वायरस की रेप्लीकेशन मशीनरी यानी उसके दोगुना होने वाले तंत्र को जाम कर देती है. अगर ये दवा असल जिंदगी में भी ऐसा ही काम करती है तो इससे शुरुआती चरण में ही संक्रमण को रोकना मुमकिन हो जाएगा. अब तक कोविड गंभीर बीमारी का रूप ले लेता है।
क्लीनिकल ट्रायल
दवा बनाने वाली कंपनी गोली का रितोनाविर (एक और एंटीवायरल दवा जो एचआईवी के उपचार में काम आती है) के साथ सुरक्षा और असर के आकलन का मिडिल से लेट स्टेज का क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है. फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रायल का उद्देश्य ये पता लगाना है कि क्या एंटीवायरल दवा PF-07321332 क्या दवा किसी एक को संक्रमित हो जाने के बाद उसी घर में रह रहे 2,660 स्वस्थ लोगों को कोविड होने से रोक सकती है।
कैसे काम करेगी
मरीज जो इस ट्रायल का हिस्सा हैं उन्हें रितोनाविर की कम मात्रा के साथ PF-07321332 दी जाएगी. एक तिहाई मरीजों को ट्रायल के दौरान प्लेसिबो (बगैर दवा की मीठी गोली) दिया जाएगा वहीं बाकी बचे मरीजों को 5 या 10 दिन तक दिन में दो बार दवा दी जाएगी. शुरूआती चरण के परिणामों से पता चलता है कि गोली सुरक्षित थी और इसे आसानी से सहन किया जा सकता था।
कब तक मिल पाएगी
ये वो दवा है जो अगर असरदार साबित हुई तो बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है, अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस साल के अंत तक इसके बाज़ार में उपलब्ध होने की उम्मीद है. सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक फाइजर ने इस साल के मार्च में गोली का शुरूआती चरण का क्लीनिकिल ट्रायल शुरू कर दिया था. जिससे साल के अंत तक दवा को बाज़ार में उतार जा सके।
गोली के रूप में एंटीवायरल बनाने की होड़
कई कंपनियां गोली के रूप में ली जाने वाली एंटीवायरल बनाने पर काम कर रहे हैं. जो इन्फ्लुएंजा के लिए काम आने वाली टैमिफ्लू की ही नकल होगी, जिसका उपयोग बीमारी को गंभीर होने से रोकना होता है. कंपनी के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी माइकेल डोल्स्टेन का कहना है कि हमारा मानना है कि वायरस को संभालने के लिए उन लोगों का उपचार बहुत ज़रूरी होता है जो वायरस के संपर्क में रहते हैं।
इसी तरह की दवा का निर्माण मेरेक एंड कंपनी और रिजबैक बायोथेरपेटिक भी कर रहे हैं उन्होंने इसे मोलनुपिराविर नाम दिया है. इसी तरह रोश एंड एटिया फार्मास्यूटिकल भी AT-527 विकसित करने में लगी हुई है।
शोध
फर्स्ट फोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि 2020 में फाइजर ने एक छोटे अणु- PF-00835231 – की पहचान की थी, जो SARS-CoV-2 3CL प्रो-प्रोटीज को रोकता है. इसे मौलिक तौर पर SARS-CoV-1 के खिलाफ तैयार किया गया था, लेकिन इन दोनों वायरस के एन्जाइम लगभग एक जैसे हैं. प्रयोगशाला में यह पाया गया कि PF-00835231 अकेले या रेमेडिसिविर के साथ कोरोनावायरस को दोगुना होने से रोकता है. इस प्रक्रिया में SARS-CoV-2 की कोशिकाओं पर भी असर देखा गया।