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क्या खत्म हो जाएगा पोस्टल बैलेट का विकल्प? चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को भेजी सिफारिश

नई दिल्ली: चुनाव आयोग (Election Commission of India) मतदान के दौरान ड्यूटी पर तैनात लोगों के लिए वोटिंग कराए जाने को लेकर बदलाव करने की योजना बना रहा है. मामले से परिचित लोगों ने अनुसार, चुनाव आयोग ने ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है कि चुनाव ड्यूटी की वजह से वो मतदाता जो अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र का दौरा नहीं कर सकते हैं, उन्हें “स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लिए डाक मतपत्र सुविधा के संभावित दुरुपयोग को कम करने” के लिए, मतदाता सुविधा केंद्रों (Voter Facilitation Centres) पर ही अपने मताधिकार का प्रयोग करना पड़ सकता है.

वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि पिछले हफ्ते कानून और न्याय मंत्रालय को भेजे अपनी सिफारिश में, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने यह भी कहा कि उक्त प्रस्ताव के लिए चुनाव आचरण नियम, 1961 (Conduct of Election Rules, 1961) के नियम 18 में संशोधन की आवश्यकता होगी.

देशभर में 10 लाख से ज्यादा मतदान केंद्र
नियम 18 डाक द्वारा वोटिंग करने के हकदार लोगों से संबंधित है, जिसमें सेवारत मतदाता, चुनाव ड्यूटी पर मतदाता और हिरासत में लिए गए मतदाता शामिल हैं. आम चुनावों के दौरान देश भर में करीब 10 लाख मतदान केंद्र स्थापित किए गए, जिनमें करीब 1 करोड़ वोटर्स चुनाव ड्यूटी पर होते हैं. ऐसे मतदाताओं में पुलिस कर्मी, मतदान अधिकारी और पीठासीन अधिकारी भी शामिल होते हैं जो चुनाव प्रक्रिया में लगातार बने रहते हैं.


क्या कहता है नियम
चुनाव आयोग की मानक नीति के अनुसार, चुनाव ड्यूटी पर वोटर्स को मतदान प्रक्रिया के प्रबंधन और पर्यवेक्षण के लिए उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र के अलावा किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया जाता है. इस व्यवस्था के कारण, ऐसे वोटर्स अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने में असमर्थ हो जाते हैं और इस प्रकार उन्हें डाक के जरिए वोटिंग करने की अनुमति दी जाती है.

उपरोक्त लोगों में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “पिछले चुनावों में यह देखा गया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 और चुनाव आचरण नियम, 1961 के नियम 18 के जरिए चुनाव ड्यूटी पर वोटर्स जिन्हें पोस्टल बैलेट प्रदान किया जाता है, वे मतदाता सुविधा केंद्रों पर अपना वोट नहीं डालते हैं, बल्कि यह दावा करते हुए अपना पोस्टल बैलेट अपने साथ ले जाते हैं कि उनके पास काउंटिंग के दिन सुबह 8 बजे तक पोस्टल बैलेट में डालने का समय है.

वर्तमान नियमों के अनुसार, रिटर्निंग अधिकारी, प्रशिक्षण के समय, पोस्टल बैलेट जारी कर सकते हैं और मतदान ड्यूटी पर तैनात लोगों के लिए सुविधा केंद्र भी स्थापित कर सकते हैं ताकि वे आवंटित मतदान केंद्रों के लिए भेजे जाने से पहले अपना वोट डाल सकें. हालांकि, चुनाव ड्यूटी पर लगे वोटर्स के पास यह विकल्प भी होता है कि वे अपना पोस्टल बैलेट “डाक के माध्यम से रिटर्निंग ऑफिसर को भेज सकते हैं ताकि मतगणना शुरू होने के लिए निर्धारित समय से पहले यानी मतगणना के दिन सुबह 8 बजे से पहले रिटर्निंग ऑफिसर तक पहुंच सकें.”

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