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बजट में किए गए सरकार के इस ऐलान से आपको होगी 18,000 रुपए की बचत, जानिए कैसे?

नई दिल्ली: एक करोड़ लोगों को फ्री बिजली (Free electricity to one crore people) देने का ऐलान ये कोई छोटा मोटा फैसला नहीं है. ये योजना 1 करोड़ घरों की छत पर सोलर पैनल लगाने से शुरू होगी. उसके बाद प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (Pradhan Mantri Suryoday Yojana) के तहत 300 यूनिट फ्री में दी जाएगी (300 units will be given for free). इस योजना से हरेक यूजर को 18000 रुपए तक की सेविंग करने में मदद करेगी. जानकारों की मानें तो घरों की छतों पर सोलर एनर्जी के माध्यम से फ्री बिजली देने का फैसला सरकार की दोहरी जीत मानी जा रही है. पहली सरकार इस योजना से पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे असर को कम करेगी. दूसरा फायदा ये होगा कि गरीब और मिडिल क्लास लोगों की जेब को राहत मिलेगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस योजना से आपको कैसे 18,000 रुपए की बचत हो सकती है. इससे पहले सूर्योदय योजना को समझ लेना काफी जरूरी है.

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का उद्देश्य सोलर रूफ प्रतिष्ठनों के माध्यम से घरों में बिजली की सप्लाई करना है. साथ ही अतिरिक्त बिजली उत्पादन के लिए अतिरिक्त फंड भी देना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2024 को यह घोषणा की थी. प्रधानमंत्री ने यह भी अनुरोध किया था कि रेजिडेंशियल यूजर्स को बड़ी संख्या में छत पर सोलर एनर्जी सिस्टम लगाने के एक बड़ा नेशनल कैंपेन शुरू किया जाए.


सरकार की ओर से जानकारी के अनुसार सूर्यवंशी भगवान श्री राम के अभिषेक के शुभ अवसर पर अपनी अयोध्या यात्रा के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने एक बैठक की थी. ये बैठक 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने को लेकर हुई थी. जिसमें प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के बारे में चर्चा की गई. बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन घरों में छत है वह सूर्य की ऊर्जा का यूज कर अपने बिजली के बिल को कम कर सकते हैं और वह सभी लोग अपनी बिजली की जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर बन सकते हैं. प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के माध्यम से 1 करोड़ परिवारों को छत पर सोलर एनर्जी तक पहुंच प्रदान की जाएगी. यह योजना गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को उनके बिजली बिल कम करने में मदद करने के लिए है.

ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर सिस्टम के क्या फायदे हैं?
उपभोक्ता को बिजली बिल में बचत.
छत की खाली जगह का उपयोग, एक्स्ट्रा लैंड की जरुरत नहीं.
अतिरिक्त ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन (टी एंड डी) लाइनों की कोई जरुरत नहीं.
बिजली की कंजंप्शन और प्रोडक्शन के बैलेंस होने से टी एंड डी लॉस कम हो जाता है.
टेल-एंड ग्रिड वोल्टेज में सुधार और सिस्टम कंजेशन में कमी.
पॉल्यूशन में कमी करके लांग टर्म एनर्जी और इकोलॉजिकल सिक्योरिटी.
डिस्कॉम/यूटिलिटी द्वारा दिन के समय पीक लोड का बेहतर मैनेज्मेंट.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर 300 यूनिट फ्री बिजली की वजह से आम लोगों की सेविंग कैसे होगी. इसे एक उदाहरण समझने की कोशिश करते हैं. प्रति यूनिट बिजली की औसत कीमत 5 रुपए के आसपास है. अगर महीने में 300 यूनिट बिजली फ्री में मिलती है तो उसकी कीमत 1500 रुपए के आसपास होती है. अगर इसे 12 महीने के साथ कैलकुलेट कर लिया जाए तो पूरे साल 3600 यूनिट की कीमत 18,000 रुपए हो जाएगी. इसका मतलब है कि एक महीने में 300 और एक साल में 3600 यूनिट फ्री बिजली मिलने से लोगों को 18000 रुपए की सेविंग होगी. इसका मतलब है कि एक करोड़ परिवार एक साल में 18 हजार करोड़ रुपए की सेविंग करेंगे.

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