प्रकाश हिन्दुस्तानी
चलो भिया, अब तो इन्दौरीहोन पे पिक्चर भी आ गई। इस हफ्ते लगी फिल्म जरा हटके जरा बचके ( Zara Hatke Zara Bachke) की शूटिंग इंदौर (, Indore) में हुई थी। इसमें हीरो, हीरोइन और दूसरे कई कलाकार ठेठ इंदौरी अंदाज में बात करते हैं। इसमें इंदौरी बोलचाल के शब्द भिया, पेलवान, आ रिया, जा रिया जैसे खूब वापरे गए हैं। अच्छा लगता है जब हीरोइन सारा अली खान (Sara Ali Khan) हीरो विक्की कौशल (Vicky Kaushal) के साथ मोटर बाइक पर बैठकर कभी एलआईजी चौराहे (LIG Crossroads) से गुजरती दिखाई देती है तो कभी शास्त्री ब्रिज के ऊपर से। कभी बड़ा गणपति (Bada Ganpati) पर तो कभी छप्पन दुकान (Chappan Dukan) पर। इंदौरी कपल की कहानी हो तो उनको पोहे-जलेबी तो खाने ही पड़ते हैं। अफसोस हुआ कि उन बेचारों को फिल्म में भी सेंव की सब्जी खाने को नहीं मिली।
जैसे इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है वैसे ही यह फिल्म में भी स्वच्छता का ध्यान रखा गया है। कोई फूहड़ता नहीं, अश्लीलता नहीं, दोअर्थी संवाद नहीं। फेमिली की कहानी। उस पर कॉमेडी का चाट-मसाला और सुमधुर संगीत का जीरावन! अंत आते-आते फिल्म में इमोशन की चाशनी भी पड़ जाती है जिससे कई दर्शकों की आंखों की कोरे भीग जाती हैं। फिल्म की कहानी इंदौर के सुपर कॉरिडोर जैसी सीधी है। हीरो योग प्रशिक्षक है और हीरोइन टीचर! कपिल दुबे (विक्की कौशल) का विवाह सौम्या चावला ( सारा अली खान) से होता है और संयुक्त परिवार में दोनों को प्राइवेसी की जरूरत पड़ती है। दोनों अलग फ्लैट खरीदना चाहते हैं, पर वह बजट के बाहर है। खुद का पक्का पारिवारिक मकान होने के कारण हीरो को सरकारी योजना का सस्ता मकान लेने की पात्रता नहीं। दलालों के फेर में आकर हीरो-हीरोइन घर वालों से छुपकर कागज़ों पर तलाक लेने की सोचते हैं और तलाक के कागज पाने के लिए तलाक की अर्जी लगा देते हैं और फिर जो कॉमेडी के सीन आते हैं, वे टिकट का पैसा वसूल करवा देते हैं। सवा दो घंटे की फिल्म देखकर दर्शक जब हॉल के बाहर जाता है तो सुखांत के कारण उसे कोई संताप नहीं रहता। फिल्म में तलाक लेने की कोशिश, ब्राह्मण और पंजाबी परिवार में शादी होने के झमेले, झमरू टाइप आशिक, मेघदूत पार्क के जोड़े और पति-पत्नी की झूठी लड़ाई के सीन मजेदार सिचुएशन बना देते हैं। पहले इस फिल्म का नाम लुका छिपी-2 प्रस्तावित था, लेकिन अब यह नाम ज़्यादा सार्थक लगता है मानो जरा हटके जरा बचके, ये है मिनी बॉम्बे मेरी जान। फिल्म में विक्की कौशल,सारा अली खान, इनामुलहक, शारिब हाशमी, आकाश खुराना, राकेश बेदी, सुष्मिता मुखर्जी आदि ने अच्छा काम किया है। निर्देशक लक्ष्मण उतेकर मराठी में भी सफल फिल्में निर्देशित कर चुके हैं। फिल्म देखकर बाहर आते समय मुझे इस बात का अफसोस हुआ कि इंदौर की कहानी और इंदौरी बोलचाल के शब्द वापरने के बावजूद फिल्म में इंदौरी कलाकारों को मौका नहीं दिया गया। सह कलाकार इंदौर के होते तो फिल्म और अच्छी बनती! इंदौर के सबसे खूबसूरत स्थानों की सुंदरता और करीने से दिखाई जाती तो बेहतर था। महेश्वर के दृश्य तो सुन्दर थे पर रास्ते का प्राकृतिक सौंदर्य नहीं दिखाया गया।
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