इंदौर। 10 दिन की मासूम बच्ची को अगवा कर उसका एक लाख में सौदा करने वाली बच्चा चुराने वाली गैंग की सरगना और उसके गैंग के सदस्य को कल रात डीआईजी ने महिला थाने की टीम भेजकर पकड़वाया, हालांकि बच्ची के मां-बाप का कोई सुराग नहीं लग पाया है।
डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र को कल इवा वेलफेयर आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष भारती मेंडोले ने शिकायत की थी कि शहर में मासूम बच्ची की खरीद फरोख्त का गोरख धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। वेलफेयर की अध्यक्ष ने खुद ऐसे गिरोह के बारे में लगातार रैकी कर उनका पता लगाया था। उस दौरान भारती का सम्पर्क परदेशीपुरा की शिल्फा जो स्वयं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बताती है, से हुआ। भारती ने शिल्फा को बताया कि उसको एक बच्चा गोद लेना है। कल जब शिल्पा ने फोन पर एक बच्ची के बारे में बताया और वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष को रानी सती गेट के पास स्थित टीवीएस शोरूम के पास बुलाया और एक लाख में बच्चे को बेचने का सौदा करने लगी। इसी दौरान महिला थाने की एक टीम वहां आ धमकी, जिसने मौके से शिल्पा और उसके साथी बबलू को मौके से दस दिनी बच्ची के साथ पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि जिस दस दिन की बच्ची को बेचने का सौदा हो रहा है, वह किसकी है, इसके बारे में खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस पकड़ाई गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने में जुट गई है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद कई चौकाने वाले खुलासे होंगे और कई बच्चे भी बरामद हो सकते हैं।