इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

3 महीने में इंदौर से 11 मरीज हुए एयरलिफ्ट

  • अप्रैल में सबसे ज्यादा 6 मरीजों को करना पड़ा एयरलिफ्ट, इस हफ्ते भी एक मरीज को भेजा मुंबई

इन्दौर।कोरोना काल में अभी तक के रिकार्ड में सबसे ज्यादा मरीजों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट(Airlift)किया गया। पिछले 3 महीने में 11 मरीजों कोइलाज के लिए एयर एम्बुलेंस(Air ambulance) से दूसरे शहर के लिए ले जाया गया। इनमें चार कोविड पॉजिटिव पेशेन्ट भी शामिल थे।
इंदौर में मेडिकल फैसिलिटी तो बढ़ रही है, लेकिन कुछ मरीज इतने गंभीर हो जाते हैं कि उन्हें इलाज के लिए दूसरे शहरों को एयरलिफ्ट करना पड़ता है। यूं तो कई महीनों में एक-दो पेशेन्ट को एयरलिफ्ट किया जाता रहा है, लेकिन कोरोना काल के तीन महीने में इंदौर से 11 मरीजों को एयरलिफ्ट किया गया। इनमें 4 मरीज कोरोना पेशेन्ट थे, जिनकी इंदौर में इलाज के दौरान हालत खराब हो गई थी। इनमें से एक को दिल्ली, दूसरे को चेन्नई, तीसरे को जयपुर तो चौथे को उसके परिजन इलाज के लिए हैदराबाद ले गए। वहीं बाकी कोविड नेगेटिव पेशेन्ट को भी अन्य बीमारियों के इलाज के लिए यहां से ले जाया गया। इनमें सबसे ज्यादा 3-3 मरीज हैदराबाद और दिल्ली, 2-2 मरीज चेन्नई, मुंबई तो एक मरीज को जयपुर ले जाया गया। अप्रैल में 6, मई में 3 तो जून में अभी तक 2 एयर एम्बुलेंस ने इंदौर से उड़ान भरी।



एक दिन में दो एयर एम्बुलेंस भी उड़ीं
26 अप्रैल को इंदौर से दो एयर एम्बुलेंस ने उड़ान भरी। इनमें दो अलग-अलग शहरों के अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए ले जाया गया। पहली एयर एम्बुलेंस चेन्नई(Chennai) से आई और चेन्नई ही वापस लौटी, वहीं दूसरी एम्बुलेंस दिल्ली(Delhi) से आकर दिल्ली गई। दोनों में ही कोविड नेगेटिव पेशेन्ट को भेजा गया था।
कोरोना पेशेन्ट को एयरलिफ्ट करने पर 10 से 12 लाख रुपए वसूले
देश में कई एविएशन कंपनियां एयर एम्बुलेंस का संचालन कर रही हैं। कई एयर एम्बुलेंस बड़े अस्पतालों से अनुबंधित हैं। सामान्य तौर पर एक एयर एम्बुलेंस का किराया 2 लाख रुपए प्रतिघंटा होता है और इसमें संबंधित एयरपोर्ट का पार्किंग चार्ज अलग से शामिल होता है। इंदौर की बात की जाए तो यहां 25 हजार रुपए पार्किंग शुल्क के रूप में लिए जाते हैं। वहीं एनएसओपी (नॉन शेड्यूल ऑपरेशन परमिट) का भी शुल्क लिया जाता है। कभी-कभी दूरी के हिसाब से भी किराया तय होता है। अगर एयर एम्बुलेंस मुंबई से आकर वापस मुंबई जाती है तो इसके लिए करीब 6 से 7 लाख रुपया खर्च होता है। किराया इस पर भी तय होता है कि विमान को किस एयरपोर्ट से लाया गया। एविएशन से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कोरोना काल में कोविड मरीजों को एयरलिफ्ट करने के लिए निजी कंपनियों ने दोगुना चार्ज लिया। इंदौर से जिन मरीजों को एयरलिफ्ट किया गया, उनसे 10 से 12 लाख रुपए तक का किराया लिया गया।


एक इंटरनेशनल चार्टर्ड फ्लाइट भी आई
मई में एक इंटरनेशनल चार्टर्ड फ्लाइट भी इंदौर आई, जिसमें हरारे में रहने वाले एक परिवार को ले जाया गया था। 6 मई की यह फ्लाइट दोहा से इंदौर आई थी और यहां से नरोत्तम सोमानी सहित उनके परिवार के 6 सदस्यों को लेकर जिम्बाब्वे के हरारे के लिए रवाना हुई थी। इस साल ही यह पहली इंटरनेशनल चार्टर्ड फ्लाइट थी, जबकि पिछले साल कई बड़े चार्टर्ड विमान से विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को लाया गया था, जिनमें से कुछ फ्लाइट इंदौर भी उतरी थीं।

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