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यासीन भटकल समेत 11 लोगों पर चलेगा देशद्रोह का केस, रची थी सूरत में परमाणु हमले की साजिश

नई दिल्‍ली (New Delhi) । प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (IM) के सह-संस्थापक यासीन भटकल (Yasin Bhatkal) समेत 11 लोगों पर देशद्रोह (Sedition) का केस चलेगा। वर्ष 2012 में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के मामले में अदालत ने आरोप तय करने का आदेश दिया है।

एनआईए दिल्ली की एक विशेष अदालत ने रेखांकित किया कि अन्य सह-आरोपियों के साथ यासीन भटकल की चैट (बातचीत) से पता चलता है कि आईएम गुजरात के सूरत शहर में परमाणु बम से हमला (Nuclear Bomb Attack) करने और आतंकी कार्रवाई को अंजाम देने से पहले शहर से मुसलमानों को निकालने की योजना बना रहा था। आरोप तय करते समय, अदालत ने कहा कि यासीन भटकल भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए बार-बार आतंकी गतिविधियों में शामिल था।

आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने को पर्याप्त सबूत
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने टिप्पणी की कि भटकल के पास से जब्त उपकरण से कई वीडियो क्लिप मिले, जिसमें जिहाद के नाम पर गैर मुस्लिमों की हत्या को न्यायोचित ठहराने सहित अन्य आपत्तिजनक बातें थीं। अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।


अदालत ने 31 मार्च को दिए गए आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य आरोपियों ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची।

न्यायाधीश ने कहा कि भटकल की चैट से खुलासा हुआ है कि वह सूरत से मुसलमानों को निकालने के बाद वहां परमाणु हमले की योजना बना रहा था।

अदलत ने टिप्पणी की, ”आरोपियों के चैट से पता चलता है कि इंडियन मुजाहिदीन सूरत में परमाणु बम लगाने की योजना बना रहा था और ऐसी आतंकवादी घटना को अंजाम देने से पहले उसकी योजना मुसलमानों को शहर से बाहर निकालने की थी…इस संबंध में चली लंबी बातचीत की सामग्री का विश्लेषण करने पर स्पष्ट होता है कि भटकल और अन्य आरोपी न केवल पूर्व की आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में शामिल थे, बल्कि भविष्य की आतंकवादी घटनाओं की साजिश में भी संलिप्त थे और उन्हें नेपाल के माओवादियों से हथियार, गोलाबारूद एकत्र करने में मदद मिल रही थी।”

भटकल की आईईडी बम बनाने में थी अहम भूमिका
अदालत ने रेखांकित किया कि भटकल न केवल बड़ी साजिश में शामिल था बल्कि आईईडी (इम्प्रोवाइस्ड एक्स्प्लोसिव डिवाइस) बनाने में भी उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। वहीं, इंडियन मुजाहिदीन ने आपराधिक साजिश के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नए सदस्यों की बड़े पैमाने पर भर्ती की, जिसमें पाकिस्तान में बैठे उसके सहयोगियों और देश में अंडरग्राउंड रह कर सहयोग करने वालों ने मदद की, ताकि वे देश के अहम स्थानों खासतौर पर दिल्ली में धमाकों को अंजाम दिया जा सके।

एनआईए ने अदालत को बताया कि इंडियन मुजाहिदीन और इसके मुखौटा संगठनों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नियमित तौर पर हवाला के जरिये धन मिल रहा था।

इन लोगों पर आरोप तय
अदालत ने यासीन भटकल के साथ-साथ मोहम्मद दानिश अंसारी, मोहम्मद आफताब आलम, इमरान खान, सईद उबैद उर रहमान, असदुल्ला अख्तर, उज्जैर अहमद, मोहम्मद तहसीन अख्तर, हैदर अली और जियाउर रहमान पर आरोप तय करने के आदेश दिए। हालांकि, अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा पर्याप्त सबूत नहीं पेश करने की वजह से मंजर इमाम, आरिज खान और अब्दुल वाहिद सिद्दिबप्पा को आरोप से मुक्त कर दिया।

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