आदेश के बावजूद कम्प्यूटर में बाइक की विशेष कैटेगरी ही नहीं बनी
1.61 लाख का टैक्स जमा करने के बाद भी वाहन कंपनी परेशान
इंदौर। शहर की छोटी गलियों और दुर्गम क्षेत्रों में आग बुझाने के लिए आई साढ़े 13 लाख की फायर बाइक (Fire Bike) एक माह से आरटीओ (RTO) में रजिस्टर्ड (Registered) नहीं हो पा रही है। बाइक को रजिस्टर्ड (Registered) करवाने के लिए कंपनी 1.61 लाख रुपए का टैक्स भी जमा कर चुकी है। रजिस्टर्ड न हो पाने के कारण कंपनी इसका इस्तेमाल भी नहीं कर पा रही है।
उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले रेस्क्यू मैनेजमेंट सर्विस (Rescue Management Service) (आरएमएस) नाम की कंपनी ने रायल इनफील्ड (Royal Enfield) की हिमालयन मोटरसाइकिल (Himalayan Motorcycle) को मोडिफाई कर फायर बाइक तैयार की थी। इसके रजिस्ट्रेशन के लिए परिवहन मुख्यालय को आवेदन भी किया था। ग्वालियर मुख्यालय (Gwalior Headquarters) ने इसकी विशेषताओं को देखते हुए इसे फायर बाइक की विशेष कैटेगरी में रजिस्टर्ड (Registered) करने के आदेश दिए थे, लेकिन कंपनी का कहना है कि स्मार्ट चिप कंपनी ने अब तक सिस्टम में इस बाइक के लिए स्पेशल कैटेगरी नहीं बनाई है। कंपनी ने 28 अक्टूबर को इस बाइक को अपने निजी प्लांट में उपयोग के लिए रजिस्टर्ड (Registered) करवाने का आवेदन किया था, लेकिन विभाग द्वारा इसे फायर बाइक के बजाय सामान्य बाइक की सोलो कैटेगरी में रजिस्टर्ड (Registered) किया जा रहा है, जिससे कंपनी ने इनकार कर दिया है।
1.61 लाख रुपए का टैक्स भी जमा किया, अब रजिस्ट्रेशन के लिए लगा रहे चक्कर
कंपनी अधिकारियों ने बताया कि इस बाइक को रजिस्टर्ड (Registered) करवाने के लिए परिवहन विभाग के नियमानुसार 1.61 लाख रुपए का टैक्स भी जमा कर दिया है। इसके बाद भी मुख्यालय के आदेशों को भी न मानते हुए स्मार्ट चिप कंपनी द्वारा फायर बाइक कैटेगरी में इस बाइक का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा है। इसके कारण अन्य कंपनियां और संगठन भी, जो इस बाइक को फायर सेफ्टी के लिए लेना चाहते हैं, वे भी नहीं ले पा रहे हैं। फायर बाइक कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि मुंबई कार्पोरेशन ने ऐसी 24 गाडिय़ां ली हैं, जिन्हें महाराष्ट्र में फायर बाइक कैटेगरी में ही रजिस्टर्ड किया गया है।
मुझे पता ही नहीं चला
मुझे अब तक इस संबंध में शिकायत नहीं मिली है। मैंने ही मुख्यालय को बाइक का स्पेशल कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन (registration) के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिस पर मंजूरी आने के बाद ही रजिस्ट्रेशन (registration) आवेदन लिया गया था। आज ही स्मार्ट चिप कंपनी से चर्चा करते हुए बाइक के रजिस्ट्रेशन (registration) में आ रही दिक्कत को दूर करेंगे।
आरटीओ जितेंद्रसिंह रघुवंशी