इंदौर न्यूज़ (Indore News)

1400 करोड़ खर्च होंगे इकोनॉमिक कॉरिडोर को विकसित करने पर

  • 75 मीटर चौड़ी सुपर कॉरिडोर जैसी आठ लेन की 19 किलोमीटर लम्बी सड़क होगी निर्मित, ढाई हजार एकड़ निजी जमीन का करेंगे अधिग्रहण

इंदौर। शासन ने इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को मंजूरी दे दी और आज-कल में इसका नोटिफिकेशन भी हो जाएगा। इसके पश्चात 30 दिन का समय जमीन मालिकों की दावे-आपत्तियों के लिए रहेगा। 19.6 किलोमीटर लम्बे इस कॉरिडोर में दोनों तरफ 300-300 मीटर निजी जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा और सुपर कॉरिडोर की तर्ज पर ही 75 मीटर चौड़ी आठ लेन की सीमेंट-कांक्रीट की सड़क बनेगी, जिससे इंदौर एयरपोर्ट से पीथमपुर मात्र 15 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। वहीं इंदौर-अहमदाबाद और आगरा-मुंबई हाईवे भी जुड़ जाएंगे। 1400 करोड़ रुपए से अधिक की राशि इस इकोनॉमिक कॉरिडोर को विकसित करने पर एमपीएसआईडीसी द्वारा खर्च की जाएगी। इसमें 500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि भू-अर्जन के लिए रखी गई है। वहीं शेष राशि सड़क, ड्रेनेज, बिजली, पानी सहित अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर खर्च होगी।

एमपीएसआईडीसी के एमडी रोहन सक्सेना के मुताबिक शासन से मंजूरी के बाद नोटिफिकेशन की प्रक्रिया भी संभवत: आज हो जाएगी। 10 से 15 हजार करोड़ रुपए तक का निवेश इस कॉरिडोर पर आएगा और 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। एयरपोर्ट से पीथमपुर की कनेक्टिविटी अत्यंत आसान होगी। बीते 6 महीने के अंदर ही एमपीएसआईडी ने इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किए। पहले दोनों तरफ 500-500 मीटर जमीन ली जाना थी, मगर किसानों के विरोध के बाद फिर इसे घटाकर 300-300 मीटर किया गया। नैनोद, सोनवाय, टीही और धनगढ़ ट्रायपोड से भी यह इकोनॉमिक कॉरिडोर जुड़ जाएगा। नोटिफिकेशन के बाद 20 दिन का समय दावे-आपत्तियों के लिए रहेगा। लगभग ढाई हजार एकड़ जमीन इस कॉरिडोर में शामिल रहेगी।

इनमें से अधिकांश निजी जमीनें ही हैं। इंदौर के प्लानिंग एरिया में शामिल नैनोद, कोर्डियावर्डी, रिजनाय, विसनावदा, सिंहासा, नावदापंथ, श्रीराम तलावली, सिंदोड़ा, सिंदोड़ी और शिवखेड़ा तो शामिल हैं, वहीं पीथमपुर के नरलाय, मोकलाय, सोनवाय, भैंसलाय, बगोदा और धन्नड़ जैसे क्षेत्रों को फायदा मिलेगा। एमपीएसआईडीसी 1400 करोड़ रुपए से अधिक की राशि इस कॉरिडोर के इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने पर खर्च करेगा, जिसके लिए वित्तीय संस्थाओं से लोन भी लिया जाएगा। पीथमपुर से एयरपोर्ट की यात्रा जहां मात्र 15-20 मिनट में पूरी होगी, वहीं दो महत्वपूर्ण हाईवे इंदौर-अहमदाबाद और आगरा-मुंबई भी इस कॉरिडोर निर्माण के बाद सीधे जुड़ जाएंगे।


20 फीसदी राशि नकद और 80 फीसदी के बदले देंगे विकसित भूखंड
जिस तरह का फार्मूला पीथमपुर में इंडस्ट्रियल सेक्टर विकसित करने के लिए एमपीएसआईडीसी ने तय किया, उसी तरह का इकोनॉमिक कॉरिडोर में भी रहेगा। इसके चलते 20 फीसदी राशि जमीन मालिकों को नकद मुआवजे के रूप में दी जाएगी, जो लगभग 512 करोड़ रुपए तक होती है। वहीं 80 फीसदी राशि के बदले विकसित भूखंड उसी अनुपात में दिए जाएंगे। इसमें आवासीय, औद्योगिक, व्यावसायिक, आईटी, होटल सहित अन्य गतिविधियों से संबंधित भू-उपयोग निर्धारित रहेंगे। अभी नोटिफिकेशन के बाद जमीन मालिकों की दावे-आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। समय-सीमा में उनके निराकरण के पश्चात अधिगृहीत की जाने वाली जमीनों का अंतिम नोटिफिकेशन किया जाएगा। उसी के साथ विकास कार्य भी शुरू करवा दिए जाएंगे। पिछले दिनों ही एमपीएसआईडीसी ने पीथमपुर सेक्टर सेवन का विकास कार्य भी शुरू करवाया है।

500 करोड़ रुपए से अधिक स्टाम्प ड्यूटी से ही कमाएगा शासन
इकोनॉमिक कॉरिडोर में जहां 15 से 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान लगाया गया है, वहीं 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की स्टाम्प ड्यूटी से ही शासन को आय होगी, क्योंकि कॉरिडोर में विकसित होने वाले हर श्रेणी के भूखंडों की रजिस्ट्रियां करवाई जाएंगी। वहीं 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक का सालाना जीएसटी भी सरकार को मिलेगा। 20 से 25 हजार लोगों को सीधे रोजगार और इससे दोगुना लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार हासिल होना है।

डाटा सेंटर, आईटी, होटल सहित आवासीय गतिविधियां मान्य
इस इकोनॉमिक कॉरिडोर में फिंटेक सिटी, जिसमें स्टॉक एक्सचेंज सहित वित्तीय संस्थाओं को जगह दी जाएगी तो डाटा सेंटर भी बनेगा, जहां पर जानी-मानी आईटी कंपनियां अपने सेंटर स्थापित कर सकेंगी। एरो सिटी के साथ अन्य गतिविधियां भी रहेंगी। पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने अपने ट्विटर हैंडल पर अमेजॉन, फेसबुक, फ्लिपकार्ट सहित 22 बड़ी कंपनियों के इंदौर में दफ्तर खोले जाने की संभावनाएं भी जाहिर की थीं।

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