आचंलिक

शिशु मंदिर के 150 बच्चों ने सहजयोग को जान कर प्रेक्टिकल अनुभव भी किया

नागदा। भागदौड़ भरे जीवन में हम में से अधिकांश किसी न किसी कारण से चिंतित या तनाव ग्रस्त रहते हैं, डिप्रेशन वर्तमान समय की एक नई समस्या है। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में बहुत कार्य हुए हैं लेकिन इसके बावजूद भी आज इस तरह की अनेक बीमारियां हैं जिनका कोई स्थायी इलाज नहीं है।


अवसाद के शिकार केवल बड़े ही नहीं बच्चे भी हैं। ऐसे में इस समस्या के समाधान को लेकर प्रश्न उठना लाजमी है। इसी महत्वपूर्ण ध्यान योग के लाभ को स्कूली विद्यार्थियों तक पहुँचाने के लिए श्रीराम कॉलोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में गत दिनों सहजयोग ध्यान सत्र का आयोजन किया गया जिसमें कक्षा 9वीं से 12वीं के लगभग 150 बच्चों और शिक्षकों ने सहजयोग ध्यान के विषय में जाना व प्रेक्टिकल सत्र के माध्यम से इसका अनुभव भी किया। सहजयोग के बारे में सैद्धांतिक जानकारी जगदीश वाधवा ने दी। सपना जैन ने बच्चों को सहजयोग की अनुभूति कराई। कार्यक्रम में कमलेश दवे, जीएस अग्रवाल, माया कछावा, वंदना सैनी, पवित्रा प्रजापत, शीतल प्रजापत, सुहानी प्रजापत, महेंद्र जैन आदि मौजूद थे। आभार प्रदर्शन अशोक कछावा ने किया। सहजयोग नागदा के पूर्व समन्वयक भावेशजी ने बताया कि सहजयोग सरलता व सहजता से ध्यान करने व आध्यात्मिक उत्थान का एक मार्ग है। सहजयोग की स्थापना माताजी निर्मला देवीजी ने की थी। सहजयोग ध्यान की इस विधि में हमें किसी भी प्रकार का व्यायाम नहीं करना है व कुछ आसान तरीकों से हम घर पर सुबह-शाम 10 मिनट ध्यान करके जीवन में शांति, संतुलन और संतोष प्राप्त कर तनाव मुक्त जीवन को वास्तविकता में अनुभव कर सकते हैं। नागदा में सहजयोग ध्यान केंद्र आदिनाथ कॉलोनी में स्थित है, जहां हर रविवार सुबह 10 से 11 बजे तक नि:शुल्क आयोजित होता है।

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