नई दिल्ली (New Delhi)। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) के लिए सियासी ताना-बाना बुना जाने लगा है। रायपुर महाधिवेशन (Raipur Convention) के जरिये गठबंधन को लेकर कांग्रेस (Congress) अब रुख साफ कर चुकी है। विपक्षी दल एक-दूसरे के साथ खड़े होने और एकता का संदेश (message of unity) देने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते। इसी कड़ी में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin) के जन्मदिन पर बुधवार को चेन्नई में हुए कार्यक्रम में कई दलों के नेता शामिल हुए। इस कार्यक्रम में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर भी बयान सामने आए। विपक्षी दलों ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि पहले एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और बाद में पीएम कैंडिडेट को लेकर चर्चा करेंगे। इस दौरान तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे राजनीतिक दलों को भी संदेश देने की कोशिश की गई है।
विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील:
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुआई में हुई रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राजद नेता तेजस्वी यादव और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला शामिल हुए। इस मौके पर सभी नेताओं ने खुलकर विपक्षी एकता की वकालत की। सभी नेताओं ने विपक्षी दलों से आपसी मतभेद दरकिनार कर एकजुट होने की अपील की।
नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री कौन होगा, इसका फैसला बाद में किया जाएगा। पर सबसे पहले हमें एकजुट होकर चुनाव जीतना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा, प्रधानमंत्री कौन बनेगा। यह सवाल नहीं है। कांग्रेस चाहती है कि सभी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ें। पार्टी ने रायपुर महाधिवेशन में गठबंधन की बात की है। विपक्षी एकता की कोशिशों के बीच खड़गे का बयान काफी महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि, कई राजनीतिक दल कांग्रेस की अगुआई में चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इनमें तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीआरएस सहित कई दल शामिल हैं। समाजवादी पार्टी भी फिलहाल दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में उन्होंने यह साफ संदेश दिया है कि कांग्रेस का लक्ष्य विपक्षी एकता है।
दरअसल, पिछले दिनों तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में खम्मम में हुई रैली में कई दलों के नेता जुटे थे। इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल हुए थे। चंद्रशेखर राव कांग्रेस के बगैर विपक्षी मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हैं। यही वजह है कि कांग्रेस ने रायपुर में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में कहा है कि तीसरे मोर्चे के गठन से चुनाव में भाजपा और एनडीए को फायदा होगा।
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