भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

भोपाल में अब तक अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई 400 करोड़ की सरकारी जमीन

  • संभागायुक्त ने दिए निर्देश अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि का राजस्व बढ़ाने में उपयोग करें

भोपाल। माफिया के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम में अतिक्रमण से मुक्त होने वाली भूमि का शासन का राजस्व बढ़ाने और अन्य सार्वजनिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए नजूल निर्वतन नियम 2020 के तहत प्रस्ताव तीन दिवस में संभागीय नजूल निर्वतन समिति को प्रस्तुत करें।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने यह निर्देश संभाग के सभी कलेक्टर को दिए। इस दौरान अतिक्रमण से मुक्त जमीन की जानकारी ली और रिक्त भूमि को शासन के हित में उपयोग किए जाने संबंधी जानकारी ली गई है। विदिशा कलेक्टर ने बताया कि ऐसी भूमि जिसका बड़ा उपयोग नहीं है उसका अन्य उपयोग जैसे आगंनबाड़ी भवन बनाना तय किया गया है। कियावत ने कहा कि अनेक रिक्त कराई गई भूमि की साइज इतनी छोटी है कि उनका सार्वजनिक उपयोग नहीं किया जा सकता किन्तु इस तरह की भूमि को अतिक्रमण से बचाना भी आवश्यक है। कमिश्नर ने भोपाल में लगभग 400 करोड़ की इस तरह की मुक्त कराई गई भूमि के लिए कलेक्टर की सराहना की। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि मुक्त कराई गई कुछ भूमि ऐसी है जिसमें भवन के भूखंड ही हो सकते हैं और वे ऐसी सम्पत्ति पर फिर अतिक्रमण नहीं होने देने के लिए शासन हित में इसे नजूल घोषित कर शासन के नियम अनुसार निष्पादन की कार्यवाही करेंगे जिससे राजस्व भी बढ़ेगा। सभी जिलों से भोपाल जैसी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उन्होंने नजूल निर्वतन अधिनियम के तहत 3 दिवस में संभागीय समिति को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।

भोपाल संभाग में चार गुना बढ़ी रेत रॉयल्टी वसूली
कमिश्नर कवींद्र कियावत ने बताया कि रेत के अवैध परिवहन, भंडारण और विक्रय पर रोक लगाने के लिए भोपाल संभाग के विभिन्न जगहों पर बनाए गए चेक पोस्ट के एक माह में ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। अकेले सीहोर जिले में ही 27 दिसम्बर से 9 जनवरी तक लगभग दो सप्ताह में ही पिछली अवधि की तुलना में 3 से 4 गुना तक राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। बैठक के दौरान कलेक्टरों ने बताया कि उनके जिलों में बनाए गए चेक पोस्ट में अनवरत जांच कार्य चल रहा है और बिना रॉयल्टी चुकाए कोई भी वाहन गंतव्य तक नहीं जा पा रहा है। इस पर कमिश्नर ने निर्देश दिए कि ईटीपी में दूरदराज के जिलों के लिए दी जा रही समयावधि की समीक्षा करें और परिवहन समय को युक्तियुक्त बनाएं। उन्होंने कहा कि नीमच और भिंड जिलों के लिए जा रही रेत में ईटीपी पर अत्यधिक समय दिया जा रहा है, इसे कम किया जाए। उन्होंने ईटीपी में वाहन के रूट में किन-किन स्थलों से वाहन गुजरेगा, उसकी पूरी जानकारी अंकित करने के लिए कहा है।
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