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जम्मू और कश्मीर में मिला 59 लाख टन लिथियम का भंडार

नई दिल्ली (New Delhi )। भारत सरकार को देश में पहली बार 59 लाख टन लिथियम का भंडार (lithium reserves) मिला है और यह भंडार जम्मू कश्मीर (J&K) में पहली बार लीथियम (lithium) पाया गया है। यह जानकारी जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Geological Survey of India) की रिपोर्अ से मिली है।

जानकारी के लिए बता दें कि खनन मंत्रालय को रियासी जिले के सलाल-हैमाना इलाके में करीब 59 लाख टन का लीथियम का भंडार मिला है। गुरुवार को हुई 62वीं सेंट्रल जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड (सीजीपीबी) की बैठक के दौरान 15 अन्य संसाधनों वाली भूवैज्ञानिक रिपोर्ट और 35 भूवैज्ञानिक ज्ञापनों के साथ यह रिपोर्ट संबंधित राज्य सरकारों को सौंप दी गई है। खास बात है कि लिथियम नॉन फेरस मेटल है और EV बैटरी में शामिल होने वाली जरूरी चीजों में से एक है।

खनन मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि ‘जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को पहली बार जम्मू और कश्मीर में रियासी जिले के सलाल-हैमाना में 59 लाख टन लिथियम इन्फर्ड रिसोर्सेज (G3) मिले हैं।’ सरकार ने जानकारी दी है कि लिथियम और गोल्ड समेत 51 मिनरल ब्लॉक संबंधित राज्य सरकारों को सौंप दिए गए हैं।



मंत्रालय के अनुसार, ‘इन 51 मिनरल ब्लॉक्स में से 5 ब्लॉक्स गोल्ड और अन्य पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल्स आदि से जुड़े हैं, जो जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना में फैले हुए हैं।’ इनके अलावा 7897 मिलियन टन के कोयला और लिगनाइट की 17 रिपोर्ट्स को कोयला मंत्रालय को दिया गया है।

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने रणनीतिक और अहम खनिजों पर 115 प्रोजेक्ट्स तैयार किए हैं। वहीं, 16 प्रोजेक्ट्स फर्टिलाइजर मिनरल्स के लिए तैयार किए गए हैं। GSI की शुरुआत साल 1851 में रेलवे की मदद के लिए जमा कोयला खोजने के लिए हुई थी। हालांकि, 200 सालों से ज्यादा की यात्रा के दौरान GSI जियो साइंस के मामले में अहम भूमिका निभा रहा है। साथ ही जियो साइंटिफिक ऑर्गेनाइजेशन होने का दर्ज भी प्राप्त कर चुका है।

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