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जबलपुर के 6 प्राइवेट अस्पताल नहीं कर पाएंगे कोरोना मरीजों का इलाज, सरकार ने अधिकार छीना

जबलपुर। जबलपुर (Jabalpur) के 6 निजी अस्पतालों (6 Private hospitals) को मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (Chief Medical Health Officer) ने कोविड-19 अस्पतालों (Covid-19 Hospitals) की सूची से बाहर कर दिया है. अब ये छह अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजों (Corona infected patients) का इलाज (treatment) करने के लिए अधिकृत नहीं रह गए. जबलपुर के इन 6 अस्पतालों ने शासन के निर्देशों की अनदेखी की थी, जिसके बाद सीएमएचओ (CMHO) ने यह कदम उठाया.



दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार(Government of Madhya Pradesh) के आदेश पर सभी निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना से संबद्ध किया जाना है. इसके मद्देनजर सभी अस्पतालों को पंजीयन के लिए निर्देश दिया गया. लेकिन जबलपुर के मेडिसिटी अस्पताल, शिव सागर अस्पताल, आकांक्षा अस्पताल, ट्रू केयर अस्पताल, नर्मदा अस्पताल और शुभम अस्पताल ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई और खुद को पंजीयन कराने से दूर रखा. स्पष्ट है कि सरकार द्वारा निर्धारित रियायती दरों पर मरीजों का इलाज करना शायद इन अस्पताल को मंजूर न था. लेकिन इन अस्पतालों की नामंजूरी इन पर ही भारी पड़ गई और सीएमएचओ ने इन्हें कोविड-19 अस्पतालों की सूची से अलग कर दिया है. सीएमएचओ ने आदेश जारी करते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार की अनुमति इन अस्पतालों के लिए निरस्त कर दी है.
जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल अस्पताल में भर्ती मरीजों को समुचित उपचार उपलब्ध कराते हुए डिस्चार्ज किया जाएगा और कोई भी नए कोरोना संक्रमित मरीजों का दाखिला इन अस्पतालों में नहीं होगा. हैरत की बात है कि सरकार द्वारा निर्धारित आयुष्मान योजना की दरों को अस्पताल मानने को तैयार नहीं हैं. यानी आपदा के मौके पर ये अस्पताल मनमाना वसूली करना चाहते हैं और इनके हौसले इस कदर बुलंद हैं कि सरकार के आदेश को धता बता रहे हैं.

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