- महाकाल लोक निर्माण के बाद शहर के धार्मिक पर्यटन ने मध्यप्रदेश की बनाई अलग पहचान
उज्जैन। देश के हृदय प्रदेश कहे जाने वाले मध्यप्रदेश ने दुनियाभर के पर्यटन नक्शे पर अब अपनी एक नई पहचान बनाई है। पिछले कुछ सालों की तुलना में वर्ष 2022 में प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। पर्यटन मंत्रालय की जारी रिपोर्ट के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले दो साल में प्रदेश में आने वाले पर्यटक करीब 70 फीसदी बढ़़ी है। साल 2022 में प्रदेश में देश-विदेश के 3 करोड़ 40 लाख से ज्यादा पर्यटक आए हैं, जो 2021 की तुलना में 33 फीसदी से ज्यादा है। 2021 में 2 करोड़ 55 लाख से ज्यादा पर्यटकों ने मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों को देखा था। 2020 में ये आंकड़ा 2 करोड़ 14 लाख से ज्यादा था। 2020 की अपेक्षा 2022 में 1 करोड़ 27 लाख 38 हजार 064 पर्यटक बढ़े, जो करीब 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। अधिकारियों के अनुसार, मध्यप्रदेश में पर्यटकों की संख्या में पिछले सालों की तुलना में देखी गई ये बढ़ोतरी प्रदेश के धार्मिक और वाइल्ड लाइफ पर्यटन के कारण है, जो पिछले कुछ साल में देश-दुनिया के पर्यटन के नक्शे पर तेजी से उभरकर आया है। प्रदेश के हेरिटेज भी इसका एक बड़ा कारण है। प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग प्रदेश के हेरिटेज के साथ ही नए पर्यटन स्थलों को लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहा है, ताकि आने वाले समय में प्रदेश के पर्यटन में और बढ़ोतरी हो सके।
वर्ष पर्यटक वृद्धि वृद्धि (%)
2022 34138757 8543089 33.4
2021 25595668 4194975 19.6
2020 21400693
(2020 की अपेक्षा 2022 में 12738064 पर्यटक बढ़े, जो करीब 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी है)
‘महाकाल लोक बनने के बाद 70 प्रतिशत पर्यटक बढ़ गए
ज्जैन की बात की जाए तो उज्जैन में कोरोना के बाद 30 प्रतिशत पर्यटक बड़े थे और महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन में करीब 70 प्रतिशत पर्यटक बढ़ गए हैं। उज्जैन में छोटी-बड़ी मिलाकर कुल एक हजार होटलें हो गई हैं। पुरानी होटलों की हालत यह थी कि सिर्फ सावन मास में ही फुल रहती थीं उसके बाद अधिकांश समय होटल खाली पड़ी रहती थी और मेंटेनेंस में मुश्किल होता था लेकिन विगत दो वर्षों से होटलों में पैर रखने की जगह नहीं है। प्रतिदिन सभी कमरे फुल रहते हैं यह हालत पिछले 2 साल से लगातार चल रही है।