इंदौर न्यूज़ (Indore News)

10 माह में 8 हजार वाहनों को नहीं मिली नंबर प्लेट

  • अगस्त से लागू नए सिस्टम के बाद नहीं मिल पा रही नंबर प्लेट

इन्दौर (Indore)। परिवहन विभाग द्वारा लोगों की सुविधा के नाम पर आधुनिकीकरण किया जा रहा है, लेकिन सिस्टम की गड़बड़ी के कारण ये आधुनिकीकरण लोगों के लिए सुविधा से ज्यादा दुविधा बना हुआ है। अगस्त 2022 से मध्यप्रदेश में वाहन पोर्टल के माध्यम से सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया गया था, लेकिन सिस्टम में गड़बड़ी के कारण अगस्त से अब तक आठ हजार से ज्यादा वाहनों को नंबर प्लेट नहीं मिल पाई है। इस कारण वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी अटका हुआ है और परेशान आवेदक रोजाना आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। इस मामले में आरटीओ ने वाहन डीलर्स और नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनी की बैठक लेते हुए 15 दिन में समस्या का स्थाई समाधान करने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश में 8 अगस्त से वाहनों से जुड़े सभी कामों को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल पर शिफ्ट कर दिया गया है। इसके बाद से कई तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी परेशानी वाहनों की नंबर प्लेट से जुड़ी है। नियमानुसार वाहन निर्माता कंपनी ही वाहन के साथ खाली नंबर प्लेट देती है। वाहन बेचने पर वाहन डीलर्स पोर्टल से मिलने वाले नंबर की नंबर प्लेट निजी कंपनी से बनवाकर वाहन पर लगाते हैं। नंबर प्लेट लगने की एंट्री पोर्टल पर होने के बाद ही वाहन का रजिस्ट्रेशन पूरा होता है और कार्ड निकलता है, लेकिन अगस्त से अब तक 8 हजार से ज्यादा वाहनों की नंबर प्लेट ही नहीं बन पाई है। वाहन डीलर्स का कहना है कि डीलर्स द्वारा नंबर प्लेट बनाने वाली रोजमार्टा कंपनी को पोर्टल के माध्यम से जानकारी ही नहीं जा पा रही है। इसके कारण नंबर प्लेट नहीं बन पा रही है। इससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है और रजिस्ट्रेशन कार्ड भी जनरेट नहीं हो पा रहे हैं।


हीरो कंपनी को सबसे ज्यादा परेशानी
यह परेशानी वैसे तो सभी दो और चार पहिया वाहनों के डीलर्स के साथ में आ रही है, लेकिन पेंडिंग 8 हजार वाहनों के मामले में सबसे ज्यादा वाहन हीरो कंपनी के दो पहिया वाहन हंै। नंबर प्लेट और रजिस्ट्रेशन कार्ड ना मिलने पर वाहन चालक लगातार सडक़ पर पुलिस कार्रवाई के शिकार भी हो रहे हैं। परेशान वाहन चालक महीनों से रोजाना डीलर और आरटीओ ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। वैसे नियम तो यह है कि डीलर्स बिना नंबर प्लेट लगाए गाड़ी की डिलीवरी ही नहीं कर सकते हैं, लेकिन इस मामले ने डीलर्स द्वारा किए जा रहे नियमों के उल्लंघन की पोल भी खोल दी है।

15 दिन में समाधान के निर्देश
लगातार आ रही शिकायतों के बाद आरटीओ प्रदीप शर्मा ने हाल ही में सभी वाहन डीलर्स और नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनी की बैठक बुलाई थी। आरटीओ ने बताया कि बैठक में सामने आया कि कुछ डीलर्स की ओर से नंबर प्लेट बनाने की रिक्वेस्ट सीधे नंबर प्लेट कंपनी तक जा रही है, जिससे वहां परेशानी नहीं है। वहीं कुछ डीलर्स सीधे ये रिक्वेस्ट नहीं भेज पा रहे हैं और उनकी रिक्वेस्ट पहले वाहन निर्माता कंपनी में जाती है और वहां से नंबर प्लेट कंपनी लिंक ना होने से उन तक पहुंच ही नहीं पा रही है। इसे लेकर डीलर्स और नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनी को 15 दिन में समस्या का स्थाई समाधान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही किसी भी तरह की मदद के लिए एनआईसी को भी निर्देश दिए हैं।

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