
भोपाल। प्रदेश में उपचुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। अब विरोध प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ उठ रहा है। हाल ही में ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस के नेताओं ने उपचुनाव में हार के लिए सीधे तौर पर कमलनाथ का जिम्मेदार ठहराया है। नेताओं का विरोध आए दिन सामने आ रहा है। खास बात यह है ये वे नेता हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में नहीं गए थे। पिछले दिनों श्योपुर से कांग्रेस विधायक जंडेल सिंह ने पीसीसी चीफ कमलनाथ पर तीखा हमला बोला था। उपचुनाव के लिए उन्होंने पीसीसी को ही जिम्मेदार ठहरया था। अब कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे विधायक लाखन सिंह यादव ने भी कमलनाथ पर निशाना साधा है। उपचुनाव में हार के लिए उन्होंने कमलनाथ के सर्वे को जिम्मेदारी बताया है। बतौर लाखन टिकट वितरण में उन्होंने स्थानीय नेताओं को नजरअंदाज किया था। जिसकी वजह से कांग्रेस उपचुनाव में ज्यादा सीट हारी थी। लाखन ने कमलनाथ की मिमिक्री अंदाज में कहा कि जब चुनाव के बाद उनसे पूछा कि क्या स्थिति रहेगी, तब उन्होंने कहा कि 26-27 सीट जीत रहे हैं। उपचुनाव के परिणाम आए तब उनका सर्वे धरा रह गया।
गोविंद सिंह भी नहीं हैं कमलनाथ से खुश
ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस के वरिष्ठ एवं कद्दावर नेता डॉ गोविंद भी पीसीसी चीफ कमलनाथ की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं है। गोविंद सिंह ने मेहगांव उपचुनाव में पूरी ताकत झौंकी थी, लेकिन बाद में कुछ कांग्रेसियों ने उन पर भाजपा से मिलीभगत के आरोप लगाए थे।
लंबे समय पर आज भोपाल आएंगे कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ लंबे समय पर आज भोपाल आएंगे। वे कल विधानसभा की सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर चर्चा होगी। उल्लेखनीय है कि कमलनाथ एआईसीसी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली गए थे। तब से वे वापस नहीं आए।
दिल्ली में मिल सकती है जिम्मेदारी
पीसीसी सूत्रों से खबर हैं कि कमलनाथ को एआईसीसी में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। पिछले एक महीने के भीतर कांग्रेस दो बड़े नेता अहमद पटेल और मोतीलाल बोरा के निधन के बाद से अब कांग्रेस हाईकमान कमलनाथ को दिल्ली बुलाना चाहता है। हालांकि विधानसभा उपचुनाव के बाद कमलनाथ ने ऐलान किया था कि वे मप्र में ही रहेंगे।
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