
गुरुग्राम । गुरुग्राम (Gurugram) में स्ट्रीट वेंडिंग जोन (Street vending zone) बनाने की आड़ में करोड़ों रुपये के कथित गबन (Cheating) का मामला सामने आया है। सिटी पुलिस स्टेशन (City police station) में चार प्राइवेट एजेंसियों (Four private agencies) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया (Case registered) है।
नगर निगम गुरुग्राम (एमसीजी) के अधिकारियों द्वारा की गई एक आंतरिक जांच के दौरान, यह पाया गया कि चार एजेंसियों ने न केवल करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की, बल्कि शहर में स्ट्रीट वेंडिंग जोन स्थापित करने के नाम पर लोगों को धोखा दिया।एमसीजी के अतिरिक्त आयुक्त आर.सी. बिश्नोई ने गुरुग्राम के सिटी पुलिस स्टेशन में चार एजेंसियों के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी और अन्य अवैधताओं का मामला दर्ज किया गया है।
शिकायत के अनुसार, नगर निकाय ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 के तहत शहर में एमसीजी द्वारा अनुमोदित स्थान पर स्ट्रीट वेंडिंग जोन स्थापित करने के लिए पंजीकरण सहित रेहड़ी-पटरी वालों के लिए स्थान निर्धारित किए थे।
स्ट्रीट वेंडरों के पुलिस सत्यापन के लिए, सीसीटीवी कैमरे लगाकर क्षेत्र की सफाई और सुरक्षा के लिए, चार एजेंसियों मेसर्स स्पिक एंड स्पैन प्राइवेट लिमिटेड, लियो मीडियाकॉम, मेसर्स एग्मैक प्राइवेट लिमिटेड और नसवी स्ट्रीट फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को चुना गया था।
एजेंसियों को 1500 रुपये प्रति स्ट्रीट वेंडर का सर्विस चार्ज लेने को कहा गया, इसमें से 500 रुपये प्रति व्यक्ति चार्ज एमसीजी के पास जमा किया जाना था, जबकि बाकी 1,000 रुपये एजेंसी को इन्हें सुविधाएं मुहैया कराने के लिए रखना था।
बिश्नोई ने पुलिस को बताया कि निगम को शिकायत मिली थी कि ये कंपनियां स्ट्रीट वेंडिंग जोन के नाम पर लोगों से 50 हजार से एक लाख रुपये की रंगदारी वसूल रही हैं। यह राशि लेने के बाद भी न तो उन्हें निगम द्वारा स्वीकृत रेहड़ी-पटरी वाले जोन दिए जा रहे थे और न ही उनका पैसा वापस किया जा रहा था। जांच के दौरान एजेंसियों पर लगे सभी आरोप सही पाए गए। बार-बार कोशिश करने के बावजूद इन कंपनियों के अधिकारी टिप्पणी के लिए मौजूद नहीं थे।
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