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हार्ट अटैक से जुड़ी बीमारियों का खतरा पुरूषों में क्‍यो हैं ज्‍यादा? जानें आखिर क्‍या है वजह

नई दिल्‍ली। आजकल लोग हार्ट की बीमारियों(Heart diseases) से सबसे ज्यादा परेशान हैं. महिला और पुरुषों को बहुत कम उम्र में हार्ट की समस्याएं होने लगी हैं. पिछले कुछ समय में देखा जाए तो हार्ट अटैक और कार्डियक अरैस्ट की वजह से मरने वालों की संख्या काफी बढ़ी है. पुरुषों में हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा काफी बढ़ जाता है इसके पीछे की बड़ी वजह लाइफस्टाइल है. हालांकि इसके अलावा महिला और पुरुषों की बायोलॉजिकल बनावट भी अलग होती है. ऐसे में दोनों के शरीर में एक ही रोग के कई बार अलग-अलग लक्षण (Symptoms) दिखते हैं. दरअसल पुरुषों का दिल महिलाओं से बड़ा होता है. इसके ब्लड वेसेल्स और अलग-अलग चैंबर्स से अलग होते हैं. एक महिला का दिल पुरुष के मुकाबले तेजी से पंप करता है. ऐसे में जब कोई महिला तनाव में होती है, तो उसकी पल्स रेट बढ़ जाती है. वहीं जब पुरुष तनाव में होता है, तो उसके हार्ट की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. आइये जानते हैं पुरुषों में दिल की बीमारी के कारण (causes of heart disease in men) क्या हैं

पुरुषों में दिल की बीमारी के कारण
1- कोलेस्ट्रॉल बढ़ना-
हार्ट की बीमारियों की बड़ी वजह हाई कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol) है. जब धमनियों में कोलेस्ट्रॉल प्लाक बन जाता है और ये मुख्य रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. पुरुष में सामान्य रूप से प्लाक बिल्डअप सबसे बड़ी धमनियों में होता है जो हार्ट तक ब्लड पहुंचाने से रोकती हैं. इससे पुरुषों में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ता है.



2- फिजिकल एक्टिविटी में कमी-
पुरुषों के मुकाबले देखा गया है कि महिलाएं ज्यादा एक्टिव होती हैं. पुरुषों के ज्यादातर काम बैठने वाले होते हैं. ऑफिस में सिटिंग जॉब, गाड़ी चलाना या फिर घर के काम करना, किसी भी काम में वो ज्यादा फिजिकली एक्टिव नहीं रहते हैं. यही पुरुषों में दिल की बीमारियों का बड़ा कारण बनती है.

3- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या-
हाई बीपी की समस्या हार्ट अटैक और स्ट्रोक की बड़ी वजह बनता है. महिला और पुरुष में सिस्टोलिक और डायस्टोलिक बीपी अलग तरह से होता है. यंग महिलाओं की तुलना में यंग पुरुषों में सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है. पुरुषों में हाई ब्लड प्रेशर की सबसे बड़ी वजह सिस्टोलिक हाई बीपी ही है. यही हायपरटेंशन का कारण बनता है.

4- लो टेस्टोस्टेरोन लेवल-
टेस्टोस्टेरोन लेवल का कम होना अक्सर आपकी शारीरिक क्षमता से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन ये हार्ट और टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ाता है. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन मेटाबोलिज्म को अच्छा रखता है और हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर और बेड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखता है. ऐसे में टेस्टोस्टेरोन लेवल का कम होना आपको हार्ट की बीमारियों का मरीज बना सकता है.

5- धूम्रपान और शराब का सेवन-
भारत जैसे देशों में धूम्रपान करने या नशा करने वालों की संख्या में पुरुष ज्यादा हैं. धूम्रपान करने से हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ता है. महिलाएं पुरुषों के मुकाबले शराब कम पीती हैं. इसलिए उम्र के साथ पुरुषों में दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.

नोट– उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं. इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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