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ब्रैन में स्‍ट्रेस को बढ़ावा देने में मदद करते है ये फूड, आज से खाना छोड़ दे

 

नई दिल्‍ली (New Dehli ) । ज्यादा सोचने (think) और काम के प्रेशर (pressure) से बहुत सारे लोग स्ट्रेस (stress) के शिकार हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके इस स्ट्रेस को बढ़ाने (enhance) का काम आपका खाना (Eat) भी करता है। जी हां, अगर आपके दिमाग में किसी बात को लेकर टेंशन है और आप उसे दूर भी कर सकते हैं तो इन फूड्स को खाने के बाद ये टेंशन स्ट्रेस लेवल को बढ़ा देगा। तो अगर अपने दिमाग की सेहत को भी दुरुस्त रखना चाहते हैं तो इन फूड्स से दूरी बना लें। ये फूड्स ब्रेन में कार्टिसोल हार्मोंस का तेजी से प्रोडक्शन करते हैं और इंसान स्ट्रेस में रहने लगता है।

मीठे फूड
अगर आपको मीठा पसंद है और मूड खराब होने पर डेजर्ट जैसे पेस्ट्री, केक जैसी चीजों को खा लेते हैं तो इसका स्वाद भले ही थोड़ी देर के लिए आपके मूड को बदल दे। लेकिन मीठी चीजों को खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से अप एंड फिर डाउन हो जाता है। ब्लड शुगर का लेवल नीचे जाते ही एनर्जी खत्म हो जाती है और मूड खराब होने और एंजायटी का लेवल एकदम से बढ़ जाता है। इस बारे में न्यूट्रिशनिस्ट से लेकर डायटीशियन का यहीं मानना है कि शुगरी चीजें खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से नीचे गिरने की वजह से स्ट्रेस और एंजायटी का लेवल ऊपर चला जाता है।

आर्टीफिशयल शुगर
अब आप सोच रहे होंगे कि चीनी की बजाय आर्टीफिशियल स्वीटनर डली मीठी चीजों को खाते हैं। तो बता दें कि ये आर्टीफिशियल स्वीटनर स्ट्रेस और सूजन को बॉडी में बढ़ाते हैं। एस्पार्टमी की वजह से ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और सिस्टमिक इंफ्लेमेशन के साथ ही फ्री रेडिकल्स का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। जो सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नही है।

कॉफी
दिनभर काम करना हो या फिर स्लिम रहना हो बहुत सारे लोग कॉफी को पीना पसंद करते हैं। लेकिन बता दें कि अगर आप दो से तीन कप से ज्यादा कॉफी पीते हैं तो ये ना केवल हार्ट रेट और बीपी को बढ़ाता है। बल्कि इससे स्ट्रेस और एंजायटी का लेवल भी हाई होने लगता है।

मैदा
मैदा एक तरह का रिफाइंड कार्ब्स है। जिसे ज्यादा मात्रा में खाने से बॉडी में सूजन होती है और बॉडी को मीठी चीजें खाने का संकेत देता है। जिसकी वजह से शरीर में स्ट्रेस बढ़ता है और मूड का लेवल अप एंड डाउन होता रहता है।

फ्राईड फूड्स
तले हुए फूड्स में ज्यादातर ट्रांस फूड्स होते है। जिसकी वजह से शरीर में सूजन बढ़ती है। इसके साथ ही स्ट्रेस लेवल भी बढ़ने लगता है।

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