मथुरा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मथुरा शहर (Mathura city) से 30 किलोमीटर दूर स्थित कोह गांव (Koh Village) में पिछले एक सप्ताह में करीब 8 बच्चों की अज्ञात बुखार से मौत (8 children died of unknown fever) होने का मामला सामने आया है. सूचना मिलने पर सदर क्षेत्र के उप जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रचना गुप्ता (Dr. Rachna Gupta) स्वास्थ्य विभाग के दस्ते के साथ सोमवार को गांव पहुंचीं और मरीजों के खून के नमूने लिए. गांव पहुंचे उप जिलाधिकारी संजीव वर्मा एवं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. रचना गुप्ता व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दिलीप कुमार आदि को ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पिछले आठ-दस दिन से बुखार का प्रकोप है. चार दिन में आठ बच्चों की इस जानलेवा बुखार से मौत हो चुकी है.
सीएमओ ने बताया कि गांव के हर मरीज की जांच की जा रही है और नमूने लिए जा रहे हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना दिए जाने के बावजूद प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाया.
बीते 7 अगस्त को खबर सामने आई थी कि लखीमपुरखीरी के भीरा-बिजुआ इलाके में तेज बुखार से तीन की मौत हो गई. मरने वालों की उम्र 11 से 14 साल तक है. इनमें से एक का इलाज लखनऊ तक चला था. डॉक्टर इसे वायरल फीवर बताते रहे थे. जबकि गांव वालों में दिमागी बुखार फैलने का डर था. भानपुर निवासी मोनी (14) पुत्री गंगाराम, लकी (11) पुत्र कैलाश को पिछले एक सप्ताह से तेज बुखार आ रहा था. किशोरी के परिजन भीरा के किसी प्राइवेट क्लीनिक से इलाज करा रहे थे. हालत गम्भीर होने पर लखीमपुर ले गये, जहां उसका दो दिन इलाज चला. शुक्रवार को हालात अधिक खराब होने पर मोनी की मौत हो गई थी. वहीं दो दिन तेज बुखार से जुझने के बाद लकी की मौत हो गई.
उधर पड़ोस के गांव भवानीपुर गौरवी (14) पुत्री लालता का इलाज भी लखनऊ तक चला. उसे दस दिन पहले तेज बुखार आया था. इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई. गांव में 12 बच्चे बुखार से पीड़ित हैं. उधर बिजुआ सीएचसी प्रभारी डॉ. अमित सिंह का कहना था कि इन दिनों वायरल बुखार का मौसम है. कई लोग बीमार हैं, लेकिन किसी के मरने की सूचना नहीं है.
Share: