
आगर मालवा। प्रतिबंध के बाद भी बाजार में आसानी से पॉलीथिन उपलब्ध होती आ रही है जिसके कारण जहाँ मूक पशुओं की असमय ही मौत हो रही है, वहीं शहर में गंदगी फेलने का कारण भी यहीं है। शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए नपा प्रशासन द्वारा पॉलीथिन और डिस्पोजल पर प्रतिबंध लगाने के लिए ना तो सार्थक प्रयास किए जा रहे है और ना ही इस दिशा में प्रशासन द्वारा कोई कदम उठाया जा रहा है। जिसके कारण नगर में खुलेआम प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है।
शहर में गंदगी का प्रमुख कारण डिस्पोजल और पॉलोथीन बनते आ रहे है। इससे ना सिर्फ गंदगी हो रही है, बल्कि मूक पशुओं की असमय मौत भी हो रही है। पॉलीथिन और डिस्पोजल नाली निकासी व्यवस्था में भी बाधा बनते आ रहे है। प्रतिबंध के बाद इनका उपयोग करने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई भी प्रशासन द्वारा पूर्व में प्रस्तावित की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण विक्रेताओं और उपयोग करने वालों में भय नहीं है। ज्ञातव्य है कि 40 माइक्रोन से कम की पॉलीथिन के उपयोग पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा रखा है, बावजूद इसके इसका पालन स्थानीय स्तर पर नहीं हो पा रहा है। यहां हर बड़ी छोटी दुकानों पर व्यापारियों के द्वारा धड़ल्ले से इसका उपयोग कर नागरिकों को सामान तोल कर पॉलीथिन में ही ही दिया जा रहा हैं। यहीं नहीं हर छोटे बडें शादी समारोह और अन्य कार्यक्रमों में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक के डिस्पोजल का उपयोग हो रहा है। जिनको उपयोग के बाद नष्ट करने की अपेक्षा सड़कों और रोडी पर ऐसे ही फैंका जा रहा है जिससे शहर में चारों और गंदगी बनी रहती है।
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