- कोरोना का डर और वैक्सीनेशन की सख्ती के कारण दूसरी लहर के बाद संभल रहा पर्यटन फिर मुंह के बल गिरा
उज्जैन। देश में कोरोना की तीसरी लहर पर्यटन उद्योग पर कहर बनकर आई है। एक ही माह में पर्यटन उद्योग 70 प्रतिशत से ज्यादा कम हो चुका है। जिन पर्यटकों ने घूमने जाने के लिए होटलों की बुकिंग करवाई थी, वे भी अब बुकिंग निरस्त कर रहे हैं। इधर महाकाल में भी श्रद्धालुओं की संख्या में 80 प्रतिशत तक गिरावट आई है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान लगभग बंद हो चुका पर्यटन उद्योग दूसरी लहर के बाद दोबारा रफ्तार पकडऩे लगा था। लोग एक बार फिर घूमने के लिए देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के साथ ही विदेश भी जाने लगे थे। इसके चलते पर्यटन और इससे जुड़ी होटल इंडस्ट्री को भी काफी राहत मिली थी, लेकिन इस साल की शुरुआत से स्थिति फिर पहले जैसी होने लगी है।
देश में बढ़े कोरोना के मामलों, नए वेरिएंट ओमिक्रान के डर के कारण पर्यटक एक बार फिर रुक गए हैं, वहीं कई पर्यटक कई प्रदेशों द्वारा लागू की गई सख्ती के कारण भी यात्रा से बचने लगे हैं। इसके कारण एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहे पर्यटन पर फिर ब्रेक लग गया है। महाकाल में अब रोजाना 8 से 10 हजार श्रद्धालु ही पहुँच रहे हैं, इससे होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय पिट गया है।
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