इस्लामाबाद। पाकिस्तान में राजनीतिक संकट चरम पर है। राजनीतिक उथल-पुथल चल रहा है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of Pakistan) ने सोमवार को इमरान खान (Imran Khan) की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा संसद को भंग करने पर कोई फैसला किए बिना सुनवाई आज के लिए स्थगित कर दी। पाकिस्तान (Pakistan) में इस समय राजनीतिक और संवैधानिक संकट (political and constitutional crisis) के हालात हैं।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है। दरअसल नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने तथाकथित विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में है, हालांकि, पाकिस्तान के चुनाव आयोग का कहना है कि तीन महीने में नए सिरे से आम चुनाव कराना संभव नहीं है।
स्थानीय खबरों के अनुसार दलीलों के दौरान प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने कहा कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हैं, तो भी अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति बंदियाल ने इससे पहले दिन में कहा था कि अदालत इस मुद्दे पर आज ‘‘उचित आदेश’’ जारी करेगी। समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अहसन ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही में उल्लंघन हुआ है। न्यायमूर्ति बंदियाल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले बहस का कानून में स्पष्ट रूप से उल्लेख है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इमरान के लिए बजी खतरे की घंटी
पाकिस्तान के न्याय प्रमुख ने देश में मौजूदा संकट से संबंधित स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “अध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं कर सकता, भले ही वह संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला दे।” न्यायमूर्ति बंदियाल ने आगे कहा कि उनके साथी न्यायाधीशों ने देश के सामने मौजूद संवैधानिक संकट पर चिंता व्यक्त की थी। अब माना जा रहा है कि क्या पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का आदेश देगा? अगर ऐसा हुआ को इमरान खान का दोबारा चुनाव कराने का सपना टूट जाएगा और विपक्ष सत्ता पर काबिज हो सकता है।
वही राजनीतिक उथल-पुथल चल रहा है। इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने सोमवार को इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। मोईद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी सार्वजनिक की है।
हालांकि ये बेहद पेंचीदा मामला है जिस पर पाक सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा। इस बीच पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद हुसैन ने कहा था कि 90 दिनों के भीतर मध्यावधि संसदीय चुनाव होंगे। पाकिस्तान मीडिया ने देश में नेशनल असेंबली के भंग होने की आलोचना करते हुए कहा है कि रविवार को जो कुछ भी हुआ वह सदन की कार्यवाही को नियंत्रित करने वाले सभी नियमों का उल्लंघन करता है।
कोर्ट ने कहा कि यह संविधान से जुड़ा मामला है, इसलिए जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं दिया जा सकता। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने कहा है कि वर्तमान राजनीतिक स्थिति की वैधता पर तार्किक आदेश जारी किया जाएगा। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि संसद में जो कुछ भी हुआ उसकी समीक्षा जरूरी है।