पंजाब दा जवाब नहीं… एक मंत्री रिश्वत लेता है… मुख्यमंत्री उसका स्टिंग ऑपरेशन करवाता है… रिश्वतखोर मंत्री पकड़ा जाता है… सवाल एक ही किया जाता है… हां या ना में जवाब मांगा जाता है… मुख्यमंत्री के तेवर देख मंत्री सिर झुकाता है और मुख्यमंत्री मंत्री को न केवल बर्खास्त कर डालता है, बल्कि जेल भी भिजवाता है… देश के इतिहास में यह ऐसा पहला मामला नजर आता है जब रिश्वतखोर का पता ना मीडिया को चल पाता है ना विपक्ष को चीखने-चिल्लाने का मौका हाथ लग पाता है… सन्नाटे को चीरता एक सच भ्रष्टाचार की हिमाकतों को ऐसा मुकाम दिखाता है कि देश के सारे नेताओं की बिरादरी हिल जाती है… भ्रष्टाचारी के अंजाम से दहल जाती है… कोई एक दल अपने हाथों से अपना सड़ा हुआ बाजू काटने की हिम्मत करता है… कोई मुख्यमंत्री अपनी चार दिन की सरकार के भ्रष्ट मंत्री को हटाकर बदनामी के दाग को धोने और दूसरे नेताओं को बिगडऩे से पहले संभलने, सुधरने वरना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने की नसीहत देता है… तो देश इन उम्मीदों को परवान चढ़ाता है कि ईमानदारी की उम्मीदें अभी भी बाकी है… पंजाब की जनता को भी आज गर्व का अहसास हो रहा होगा… जिन्होंने एक ऐसे शख्स का चयन पंजाब के मुखिया के तौर पर किया जिस पर किसी ने शराबी होने की तोहमत लगाई तो किसी ने कबाबी का ताना दिया… किसी ने उनके लडख़ड़ाते कदमों का वीडियो जारी किया तो किसी ने उनकी बहकती भाषा को निशाना बनाया, लेकिन पंजाब की जनता ने न केवल मान का मान बढ़ाया, बल्कि पूरे देश को बताया कि देश को ऐसा मदहोश भी कबूल है जो भ्रष्टों के होश उड़ा दे… तमाम दूसरे दलों के नेताओं को नसीहत के घूंट पिला दे… और बेइमानों को ठिकाने लगा दे…
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